Grahan yog 2021: चंद्र और राहु की युति से इस राशि पर बन रहा 'ग्रहण योग', अगले तीन दिन रहें सतर्क

चंद्रमा अन्य ग्रहों के साथ मिलकर कई शुभ और अशुभ योग बनाता है. ऐसे में जब चंद्र की राहु के साथ युति बने, तो ग्रहण योग बनता है, जो अत्यंत अशुभ माना जाता है. जिन जातकों पर ये हावी होता है, उनकी मानसिक स्थिति पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा के साथ राहु के संबंध से चंद्रमा दूषित हो जाता है. इस वजह से जातक के विचारों में नकारात्मकता बढ़ जाती है और बुरे ख्यालों से वे घिर जाते हैं, इस वजह से मानसिक समस्याएं होने लगती हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 23 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • जातकों में बढ़ जाती है नकारात्मकता
  • तीन दिन के लिए रहना होगा सतर्क

Grahan Yoga In Taurus: चंद्रमा की चाल में आज परिवर्तन हो रहा है. चंद्र वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पर राहु पहले से ही विराजमान हैं. दोनों ग्रहों के एक साथ आने से  ग्रहण योग बनेगा. वृष राशि में ग्रहण योग बनने के साथ ही कन्या, तुला, वृश्चिक राशि वालों को भी सावधानी बरतनी होगी. वहीं वृष राशि में 25 अक्टूबर 2021, सोमवार को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण योग का समापन होगा. यानि तीन दिन तक वृष राशि के साथ कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों को भी सावधान रहने की जरूरत है. अब आपको बताते हैं कि किस तरह बनता है ये ग्रहण योग और क्या होता है इसका प्रभाव?

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कब बनता है ग्रहण योग 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि जब किसी जातक की जन्म कुंडली के 12 भावों में से किसी भी भाव में सूर्य और चंद्रमा के साथ राहु या केतु में से कोई भी एक पाप ग्रह विराजमान हो तो 'ग्रहण योग' बनता है. जिस भाव में यह ग्रहण योग बनता है, उस भाव से संबंधित परिणामों पर बुरा प्रभाव डालता है. इसे अत्यंत अशुभ योगों में से एक माना गया है. चंद्रमा और राहु का योग बनने पर व्यक्ति की नींद में बाधा पड़ने लगती है. उसे बुरे ख्याल और सपने आने लगते हैं. इसके साथ ही ये लोग हर कार्य को लेकर आशंकित होने लगते हैं. 


ग्रहण योग में करें ये उपाय
चंद्रमा और राहु का योग हो तो उसे नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए. सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए. सोमवार को भगवान शिव को खीर का भोग लगाकर इसे प्रसाद के रूप में स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए. चंद्रमा की मजबूती के लिए पूर्णिमा का व्रत रखना भी शुभफलदायी रहता है.

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