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धर्म

ये हैं मां दुर्गा के 10 प्रसिद्ध मंदिर, नवरात्रि में लगता है भक्तों का मेला

aajtak.in
  • 23 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
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पितृ पक्ष खत्म होते ही 29 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान देश के अलग-अलग कोनों में फैले हुए मां के प्रसिद्ध मंदिरों में भारी संख्‍या में भक्‍त आने लगते हैं. आइए आपको बताते हैं मां के प्रसिद्ध 10 मंदिरों के बारे में.

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नैना देवी मंदिर, नैनीताल
नैनीताल में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है. 1880 में आए भूस्‍खलन से ये मंदिर नष्‍ट हो गया था. बाद में इसे दोबारा बनाया गया. यहां सती के शक्ति रूप की पूजा होती है.

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ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
ये मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ी के बीच बसा है. मां ज्वाला देवी तीर्थ स्थल को देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है. शक्तिपीठ वह स्थान कहलाते हैं जहां-जहां भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कटकर माता सती के अंग गिरे थे. शास्त्रों के अनुसार ज्वाला देवी में सती की जिह्वा गिरी थी.

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कामाख्या शक्तिपीठ, गुवाहाटी
असम के पश्चिम में 8 किमी दूर नीलांचल पर्वत पर ये मंदिर स्थित है. माता के सभी शक्तिपीठों में से कामाख्या शक्तिपीठ को सर्वोत्तम कहा जाता है. मान्यता है कि यहां पर माता सती का योनि भाग गिरा था, उसी से कामाख्या महापीठ की उत्पत्ति हुई.

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करणी माता मंदिर, राजस्थान
ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर गांव देशनोक की सीमा में स्थित है. मां करणी देवी का विख्यात मंदिर एक तीरथ धाम है, लेकिन देश और दुनिया में इसे चूहे वाले मंदिर के नाम से भी लोग जानते हैं.

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दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता का मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. इसका निर्माण सन 1847 में शुरू हुआ था. कहते हैं जान बाजार की महारानी रासमणि ने स्वप्न देखा था, जिसके अनुसार मां काली ने उन्हें निर्देश दिया कि मंदिर का निर्माण किया जाए. उसके बाद इसकी स्थापना हुई.

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अम्‍बाजी मंदिर, गुजरात
यह मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है. ये मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है. श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर बेहद भव्य है. मंदिर का शिखर एक सौ तीन फुट ऊंचा है. शिखर पर 358 स्वर्ण कलश सुसज्जित हैं. इस मंदिर के प्रति मां के भक्तों में अपार श्रद्धा है.

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दुर्गा मंदिर, वाराणसी
वाराणसी में स्थित इस मंदिर का निर्माण एक बंगाली महारानी ने 18 वीं सदी में करवाया था. ये मंदिर नागारा शैली में बना हुआ है. इस मंदिर में एक वर्गाकार आकृति का तालाब बना हुआ है जो दुर्गा कुंड के नाम से जाना जाता है. मान्‍यता है कि इस मंदिर में मूर्ति स्‍वयं प्रकट हुई थी. नवरात्रि में यहां बहुत भीड़ होती है.

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श्री महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
श्री महालक्ष्मी मंदिर विभिन्न शक्ति पीठों में से एक है. ये महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है. यहां जो भी भक्‍त अपनी मनोकामना लेकर आता है, मां के आशीर्वाद से वह मुराद पूरी हो जाती है. भगवान विष्णु की पत्नी होने के नाते इस मंदिर का नाम माता महालक्ष्मी पड़ा.

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श्रीसंगी कलिका मंदिर, कर्नाटक
श्रीसंगी कलिका मंदिर काली मां को समर्पित है और ये कर्नाटक के बेलगाम में स्थित है. ये कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और यहां पर मां दुर्गा के काली रूप की पूजा की जाती है.

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दंतेश्‍वरी मंदिर, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित है दंतेवाड़ा का प्रसिद्ध दंतेश्‍वरी मंदिर. हसीन वादियों के लिए मशहूर ये मंदिर काफी पुराना है. मान्यता के अनुसार यहां सती का दांत गिरा था, जिसके कारण इस जगह का नाम दंतेश्वरी पड़ा.

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