Chanakya Niti: कामयाबी की राह कभी आसान नहीं होती. जीवन में आगे बढ़ते समय कई बार हमारी अपनी ही कमजोरियां हमारे रास्ते की सबसे बड़ी बाधा बन जाती हैं. आचार्य चाणक्य, जिन्होंने राजनीति, कूटनीति और जीवन प्रबंधन पर कई विचार दिए. उनका कहना था कि व्यक्ति अपनी कमियों को पहचानकर उन्हें दूर कर ले, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं रह जाता. उनकी ‘नीति’ में ऐसे कई सिद्धांत मिलते हैं जो आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. जानते हैं चाणक्य के अनुसार वे 4 कमजोरियां कौन-सी हैं जो सफलता को रोकती हैं और उनके समाधान क्या हैं.
आलस
चाणक्य कहते हैं, “आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है”. आलस व्यक्ति की क्षमता को सीमित कर देता है. यह न केवल समय की हानि करता है, बल्कि अवसरों को भी हाथ से निकाल देता है. चाणक्य सलाह देते हैं कि हर दिन का एक निश्चित लक्ष्य तय करें और छोटे-छोटे कार्यों से शुरुआत करें. अनुशासन और नियमितता आलस को मात देने का सबसे कारगर तरीका है. सुबह जल्दी उठना और पूरे दिन का रूटीन बनाना भी मददगार है.
डर और असफलता का भय
भय व्यक्ति को कभी आगे बढ़ने नहीं देता. चाणक्य कहते हैं कि “जो व्यक्ति डरता है, वह जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता”. चाणक्य के मुताबिक डर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है तैयारी. जितनी अधिक तैयारी, उतना कम भय. अपने लक्ष्य को छोटे स्टेप में बांटें और हर सफलता को याद करते हुए आत्मविश्वास बढ़ाएं. अपने आसपास सकारात्मक और प्रेरक लोगों का होना भी जरूरी है.
अनिर्णय
जीवन में समय पर निर्णय न लेना भी असफलता की एक बड़ी वजह है. चाणक्य कहते हैं कि अवसर इंतजार नहीं करता, वह सिर्फ तैयार लोगों के पास जाता है. चाणक्य बताते हैं कि निर्णय लेने से पहले सही जानकारी जुटाएं और उसके फायदे-नुकसान समझें, लेकिन ज्यादा देरी न करें. चाणक्य के अनुसार, उचित समय पर लिया गया छोटा निर्णय भी बड़े परिणाम दे सकता है.
नकारात्मक विचार
नकारात्मक सोच व्यक्ति की ऊर्जा, उत्साह और रचनात्मकता को खत्म कर देती है. चाणक्य कहते हैं कि नकारात्मक विचार से इंसान कामयाब नहीं हो सकता ना ही वो कोई बड़ा काम कर सकता है. चाणक्य सलाह देते हैं कि अपने विचारों पर नियंत्रण रखें. दिन की शुरुआत पॉजिटिविटी के साथ करें. अच्छे लोगों के साथ समय बिताएं और अच्छी किताबें पढ़ें.
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