बेटे का ऑपरेशन कराने आए पिता को भी लगा दिया चीरा, पता लगा तो फटाफट कर दी सिलाई

कोटा में मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 12 अप्रैल को  एक मरीज के अटेंडेड (उसके पिता) को ऑपरेशन थिएटर में ले जाने और चीरा लगा देने का मामला सामने आया है. हालांकि शख्स का ऑपरेशन नहीं हुआ लेकिन चीरा जरूर लग गया.

Advertisement
बेटे का ऑपरेशन कराने आए पिता को भी लगा दिया चीरा, पता लगा तो फटाफट कर दी सिलाई बेटे का ऑपरेशन कराने आए पिता को भी लगा दिया चीरा, पता लगा तो फटाफट कर दी सिलाई

चेतन गुर्जर

  • कोटा,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

राजस्थान के कोटा में मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 12 अप्रैल को  एक मरीज के अटेंडेड (उसके पिता) को ऑपरेशन थिएटर में ले जाने और चीरा लगा देने का मामला सामने आया है.

ऑपरेशन नहीं हुआ लेकिन चीरा लग गया

हालांकि, समय रहते गलती पकड़ में आ गई, जिससे मरीज का ऑपरेशन नहीं हुआ लेकिन चीरा जरूर लग गया. अब इस घटनाक्रम के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन जांच करने की बात कह रहा है. इसके लिए तीन डॉक्टरों की जांच कमेटी गठित की गई है.  

Advertisement

बनाई गई जांच कमेटी

मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रिंसिपल डॉक्टर संगीता सक्सेना ने बताया कि- मरीज की जगह दूसरे मरीज के अटेंडेंट को ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के संबंध की सूचना मिली है, इस मामले में तीन मेंबर की जांच कमेटी गठित कर दी है, 2 दिन में कमेटी जांच सौंपेगी. इसके बाद ही मामला सामने आएगा कि पूरा प्रकरण  क्या रहा है.

'पिता पैरालाइज्ड हैं, बोल नहीं सकते'

 मरीज मनीष ने बताया कि उसका एक्सीडेंट हुआ था और उसके पैर का ऑपरेशन था. पिता साथ आए थे मनीष को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया तो पिता बाहर बैठे रहे. ऑपरेशन के बाद मनीष को डॉक्टर बाहर लेकर आए तो मनीष को पिता नहीं दिखे. बाद में पता लगा कि पिता को भी अंदर ले जाकर चीरा लगा दिया गया. मनीष का कहना है कि पिता पैरालाइज्ड हैं और वह बोल भी नहीं पाते हैं.

Advertisement

मामले के अनुसार अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट में एक मरीज के हाथ में डायलिसिस फिस्टुला बनाना था, यह हाथ में चीरा लगाकर नसों को जोड़कर बनाया जाता है, ताकि मरीज की डायलिसिस आसानी से हो सके. इसी नाम का एक अटेंडेंट अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर के बाहर बैठा हुआ था, जिसके बेटे का ऑपरेशन प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट कर रहा था.

स्टाफ ने आवाज दी - जगदीश, हाथ उठाया तो ले गए साथ

ऑपरेशन थिएटर के बाहर स्टाफ ने आकर जैसे ही आवाज दी- जगदीश, तब इस जगदीश नाम के अटेंडेंट ने हाथ ऊंचा कर दिया. इसके बाद स्टाफ उसे अंदर ले गया और ऑपरेशन थिएटर पर टेबल पर लेटा दिया, उसके हाथ में फिस्टुला बनाने के लिए चीर भी लगा दिया गया. इसी दौरान उसके बेटे का इलाज कर रहे डॉक्टर पहुंच गए, उन्होंने देखा कि यह तो उनके मरीज का अटेंडेंट है, इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और हड़कंप मच गया, इस घटना के बाद इस मरीज के वापस टांके लगाए गए, उसे ओटी से वापस उसके बेटे के वार्ड में भेज दिया गया. बाद में जिस मरीज का डायलिसिस फिस्टुला बना था, उसका फिस्टुला बनाया गया, जिसे 13 तारीख को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. 

Advertisement

अटेंडेंट पैरालाइज्ड था और ओटी में भी फॉलो नहीं हुआ प्रोसीजर  

जिस अटेंडर के साथ यह घटना हुई है, वह पैरालाइज्ड है, वह ठीक से बोल नहीं पाता है, इसीलिए जब उससे पूछा गया तो वह कुछ भी नहीं बोल पाया और डॉक्टर ने भी प्रोसीजर शुरू कर दिया. दूसरी तरफ ऑपरेशन थिएटर में भी प्रोसीजर फॉलो नहीं हुआ है, ओटी में मरीज को ले जाने के पहले उसे ओटी की ड्रेस पहनाई जाती है, लेकिन इस मरीज ने ड्रेस भी नहीं पहनी हुई थी. दूसरी तरफ हाथ में डायलिसिस फिस्टुला बनाने के लिए बाल हटाए जाते हैं और सफाई की जाती है, वह भी नहीं हुई थी. इसके बावजूद भी डॉक्टर ने ध्यान नहीं दिया. हालांकि, यह काफी छोटा प्रोसीजर था लेकिन नियमों का पालन नहीं हुआ.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement