बाबरी मस्जिद बनाने से लेकर राम को मुसलमान बताने तक, बंगाल में टीएमसी ये क्या कर रही है?

पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुस्लिम वोटर्स का बहुत बड़ा हाथ रहा है. राज्य की जनसंख्या में मुस्लिम वोटर्स का शेयर 2011 की जनसंख्या के हिसाब से 27 प्रतिशत है. पर अब यह बढ़ चुका है. ममता बनर्जी अपने इस वोट बेस के बल पर ही लगातार तीन टर्म से बंगाल की सीएम बनी हुईं हैं. पर 2025 में हिंदुओं की आस्था पर हमले कुछ ज्यादा ही बढ़े हुए नजर आ रहे हैं. क्या ये बैकफायर करेगा?

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टीएमसी विधायक मदन मित्रा जिन पर राम को मुसलमान बताने का आरोप है. टीएमसी विधायक मदन मित्रा जिन पर राम को मुसलमान बताने का आरोप है.

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:50 AM IST

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की कथित रूप से हिंदू आस्था को टार्गेट करने की घटनाएं 2025 में बढ़ी हैं, जो राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा मानी जा रही हैं. हाल की घटनाओं में TMC विधायक मदन मित्रा ने एक वायरल वीडियो में राम को मुसलमान बताकर विवाद खड़ा किया, जबकि  टीएमसी के ही एक सस्पेंडेड विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद बनाने का ऐलान किया है जिसके नींव का पत्थर भी रख दिया गया है. 

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 भाजपा और हिंदू संगठन इसे हिंदू विरोधी बताकर आक्रमक हैं, जबकि TMC इसे एडिटेड वीडियो या राजनीतिक साजिश कहकर खारिज कर रही है.सवाल यह उठता है कि हिंदुओं को टार्गेट करने से TMC यूं ही तो नहीं कर रही होगी. कोई भी विधायक या नेता पार्टी की सहमति के बगैर ऐसा कुछ बोलने या करने की हिम्मत नहीं कर सकता है.  तो क्या TMC को हिंदू ध्रुवीकरण का डर नहीं है?

TMC के कुछ अन्य नेताओं के कथित हिंदू विरोधी बयान और कार्यों पर एक नजर

फिरहाद हकीम (कोलकाता मेयर और TMC मंत्री): उन्होंने 2025 में एक बयान में कहा कि हिंदू बनकर जन्म लेना दुर्भाग्यपूर्ण है, और उर्दू को बंगाल की प्रमुख भाषा बनाने की इच्छा जताई. BJP ने इसे हिंदू अपमान बताया.

Madan Mitra, a TMC leader and close aide of Mamata Banerjee, known for his rather colourful lifestyle, has now openly insulted Bhagwan Ram and called Him a Muslim. He has even asked, “What is the surname of Lord Ram?”

Earlier, Kolkata Mayor Firhad Hakim called being born a Hindu… pic.twitter.com/xo8bRcpxgu

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— Amit Malviya (@amitmalviya) December 19, 2025


रामेंदु सिन्हाराय (TMC MLC): 2024 में राम मंदिर पर कमेंट करते हुए अपवित्र कहा था, जिसे BJP ने हिंदू विरोधी बताया.

महुआ मोइत्रा (TMC MP): 2025 में दिवाली पर एक कनाडाई ब्लॉगर के पोस्ट को सपोर्ट किया, जिसमें भारतीयों को ब्रेनडेड कहा गया था. BJP ने इसे हिंदू त्योहार का अपमान बताया.

कल्यान बनर्जी (TMC मंत्री): वक्फ पर कमेंट करते हुए मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा, लेकिन हिंदू संगठनों ने इसे हिंदू विरोधी माना.

आरूप बिस्वास (TMC नेता): अप्रैल 2025 में कहा कि कोई जय श्री राम नहीं कहेगा, सब जय जगन्नाथ कहेंगे. जिसे BJP ने राम भक्तों का अपमान बताया.

ये बयान और कार्य TMC की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति का हिस्सा माने जा रहे हैं, जो 2026 विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ा रहे हैं. BJP ने TMC को हिंदू विरोधी करार दिया है, जबकि TMC ने इन्हें राजनीतिक हमला बताया है. 

क्या TMC मजबूत होगी?

 इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि हिंदुओं को टार्गेट करने से अल्पसंख्यकों के वोटों का ध्रुवीकरण टीएमसी की तरफ होना तय है. इसलिए शॉर्ट टर्म लाभ तो टीएमसी को मिलेगा ही. लेकिन इसमें रिस्क भी है. TMC की रणनीति मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों (जैसे मुर्शीदाबाद, मालदा) पर निर्भर है, जहां मुस्लिम आबादी 50% से अधिक है. इसी रणनीति पर काम करते हुए ममता बनर्जी 2021 के विधानसभा चुनावों में और 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को धूल चटा चुकी है.

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2024 लोकसभा चुनावों में TMC की जीत (29 सीटें) मुस्लिम और सेकुलर वोटों पर टिकी थी, जबकि BJP ने हिंदुत्व कार्ड से 12 सीटें ही जीतने में सफल हो सकी थी. हिंदू आस्था पर हमले (जैसे राम का अपमान) से TMC मुस्लिम वोटर्स को संदेश दे रही है कि वह उनकी रक्षा कर रही हैं, खासकर Waqf बिल जैसे मुद्दों पर.गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने Waqf बिल का विरोध कर मुस्लिमों को खुश किया था.जिससे उनका आधार मजबूत हुआ. 

हिंदू ध्रुवीकरण का डर और TMC की दुविधा

2021 विधानसभा और 2024 लोकसभा में TMC को हिंदू वोटों से भी समर्थन मिला था. यदि हिंदू आस्था पर लगातार चोट से हिंदू नाराज होते हैं और BJP की ओर जाते हैं, तो TMC कमजोर हो सकती है. TMC को हिंदू ध्रुवीकरण का डर जरूर है, क्योंकि बंगाल में हिंदू 70% से अधिक हैं, और भाजपा 2019 से हिंदुत्व कार्ड खेल रही है. 

 2024 में भाजपा ने राम मंदिर, हिंदू हमलों (जैसे सिलीगुड़ी में) का मुद्दा उठाकर वोट हासिल किए. TMC विधायकों के बयान (मदन मित्रा का राम को मुसलमान बताना) से हिंदू संगठन (VHP, RSS) सक्रिय हो गए हैं, और सोशल मीडिया पर #AntiHinduTMC ट्रेंड कर रहा है. ममता ने चुप्पी साधी है, जो उनके डर को दिखाती है. एक तरफ वो मुस्लिम वोट खोना नहीं चाहतीं, लेकिन हिंदू ध्रुवीकरण से 2026 विधानसभा में नुकसान के बारे में भी वो समझतीं हैं.

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