ट्रंप और मस्क की जंग में कोई भी जीते हारे, अमेरिका की बादशाहत तो खत्म होनी ही है  

दुनिया का इतिहास रहा है कि बड़े से बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों पतन किसी दूसरी ताकतवर सेनाओं के चलते नहीं हुआ बल्कि खुद अपनी आंतरिक समस्याओं के चलते हुआ. जाहिर है कि अमेरिका की अपनी आंतरिक समस्याएं इतनी ज्यादा हो गईं हैं जो उसकी चूलें हिलाने के लिए काफी हैं.

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अमेरिका के राष्ट्रुपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर एलॉन मस्क अमेरिका के राष्ट्रुपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर एलॉन मस्क

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप और एलॉन मस्क के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. दोनों ही एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं. ट्रंप इतने नाराज हैं कि मस्क को बर्बाद करने के लिए हर काम करने को तैयार हैं. वहीं मस्क भी जो सोच लेते हैं उसे हर हाल में पूरा करने के लिए जाने जाते हैं.

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मामला नीतियों से आगे बढ़कर व्यक्तिगत हो गया जब मस्क ने ट्रंप पर जेफरी एपस्टीन फाइल्स में शामिल होने का आरोप लगाया. मस्क ने दावा किया कि ट्रंप का नाम इन फाइलों में होने के कारण इन्हें पूरी तरह सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. जेफरी एपस्टीन एक यौन अपराधी था, जिसके हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के साथ संबंध थे, और उसकी फाइलें हाल ही में न्यूयॉर्क की एक अदालत द्वारा सार्वजनिक की गईं. ट्रंप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए मस्क पर पलटवार किया और उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए. जाहिर है कि दोनों की लड़ाई अमेरिकी राजनीति, अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण परिणाम ला सकती है.

दुनिया का इतिहास रहा है कि बड़े बड़े शक्थिशाली साम्राज्यों पतन खुद उनकी आंतरिक समस्याओं के चलते हुए हैं. अमेरिका भी लगातार पिछले 200 सालों से समृद्धि और ताकत एक ऐसा किला बना हुआ है जिसे उखाड़ना तो दूर हिलाना भी नामुमिकिन बना हुआ है. जाहिर है कि अब अमेरिका की बादशाहत खत्म होने का समय आ गया है.

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दोनों के बीच मतभेद मुख्य रूप से से ट्रंप के आर्थिक नीति विधेयक (बिग ब्यूटिफुल बिल) और मस्क की डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के तहत सरकारी खर्च में कटौती की रणनीति को लेकर शुरू हुआ. इस टकराव का असर अमेरिका पर कई स्तरों पर पड़ सकता है. मस्क ने ट्रंप की आर्थिक नीति विधेयक को घृणास्पद करार दिया, जिसमें विनिर्माण और ऊर्जा कंपनियों को टैक्स छूट और नियामक राहत शामिल है. मस्क का मानना है कि यह बिल राष्ट्रीय कर्ज को $3.67 ट्रिलियन तक बढ़ा सकता है और इलेक्ट्रिक वाहन टैक्स क्रेडिट को खत्म कर सकता है, जो उनकी कंपनी टेस्ला के लिए नुकसानदेह है.

अमेरिका पर संभावित प्रभाव

1. आर्थिक अस्थिरता: ट्रंप की टैरिफ नीतियों और मस्क की आलोचनाओं ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा दी है. ट्रंप के टैरिफ, जैसे कि चीन पर 10% और अन्य देशों पर पारस्परिक टैरिफ, ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है. मस्क ने चेतावनी दी है कि इससे 2025 में मंदी आ सकती है. यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है. जिससे अन्य देशों (जैसे चीन और भारत) को आगे निकलने का मौका मिलेगा. मस्क की टेस्ला जैसी कंपनियां, जो वैश्विक बाजारों पर निर्भर हैं, को नुकसान हो सकता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है. स्पेस एक्स के पास नासा और अन्य सरकारी एजेंसियों से $22 बिलियन के अनुबंध हैं. ड्रैगन को बंद करने से ISS कार्यक्रम बाधित हो सकता था, जिसमें दर्जनों देश शामिल हैं.

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2. वैश्विक प्रभाव में कमी: USAID और अन्य विदेशी वित्तीय सहायता वाले कार्यक्रमों पर रोक ने अमेरिका की सॉफ्ट पावर को कमजोर किया है. इससे विकासशील देशों में अमेरिका का प्रभाव कम हो सकता है, जिसका फायदा चीन जैसे देश उठा सकते हैं. ट्रंप की नीतियों ने अनजाने में एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत जैसे देशों को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिल सकता है.

3. अमेरिका की एकजुटता कमजोर: मस्क और ट्रंप के बीच सार्वजनिक विवाद ने रिपब्लिकन पार्टी और ट्रंप समर्थकों के बीच दरार पैदा की है. मस्क का जाना ट्रंप की फ्यूचरिस्टिक छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि ट्रंप समर्थक इसे उनकी स्वतंत्रता के रूप में देख सकते हैं. मस्क का ये दावा कि उनके बिना ट्रंप हार गए होते और ट्रंप का मस्क को पागल कहना राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने का संकेत दे रहा है. यह अमेरिका की एकजुटता को कमजोर कर सकता है.

4. इनोवेश और टेक्नॉलजी पर प्रभाव: मस्क की कंपनियां, जैसे टेस्ला और स्पेसएक्स, अमेरिकी नवाचार का प्रतीक हैं. ट्रंप की नीतियां, जैसे EV टैक्स क्रेडिट खत्म करना, टेस्ला को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे अमेरिका का तकनीकी नेतृत्व कमजोर हो सकता है. मस्क की धमकी (हालांकि बाद में वापस ले ली गई) कि वह ड्रैगन अंतरिक्ष यान को बंद कर देंगे, ने नासा की रूस पर निर्भरता की आशंका को उजागर किया है. उनके और ट्रंप के बीच तनाव से इन कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, टेस्ला का मुनाफा 71% तक गिर चुका है, यह एक संकेत. और, यह अमेरिका की तकनीकी प्रगति को प्रभावित कर सकता है.

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क्या बादशाहत के खत्म होने की शुरुआत है?

यह कहना कि ट्रंप-मस्क का टकराव अमेरिका की बादशाहत के अंत की शुरुआत है, थोड़ा ज्यादा हो सकता है, पर इसे पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता. यह कुछ दीर्घकालिक चुनौतियों की ओर इशारा करता है.

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का उदय: ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियां और अमेरिका की सॉफ्ट पावर में कमी ने भारत, चीन, और यूरोपीय संघ जैसे अन्य देशों को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर दिया है. उदाहरण के लिए, भारत में स्वदेशी तकनीकी प्रगति (जैसे UPI और ISRO) इस बदलाव को दर्शाते हैं.

चीन का उभार: चीन की आर्थिक और सैन्य शक्ति बढ़ रही है, और वह अमेरिका की सॉफ्ट पावर में कमी का फायदा उठा सकता है. उदाहरण के लिए, USAID की समाप्ति से खाली हुए स्थान को चीन अपनी बेल्ट एंड रोड पहल के जरिए भर सकता है.

आंतरिक कमजोरियां: ट्रंप-मस्क जैसे नेताओं के बीच सार्वजनिक विवाद, आप्रवासन नीतियों पर विवाद, और आर्थिक अनिश्चितता अमेरिका की आंतरिक एकता को कमजोर कर सकती हैं. यह वैश्विक नेतृत्व को बनाए रखने की अमेरिका की क्षमता को प्रभावित कर सकता है.
 

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