प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजकल उत्तर प्रदेश की रैलियों में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना नहीं भूलते. तारीफ के शब्द भी बनावटी नहीं होते, दिल से निकले हुए शब्द होते हैं. सीएम योगी के लिए पिछले महीने में करीब 5 बार ऐसे शब्द निकले हैं. दरअसल जब से दिल्ली के मु्ख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव ने मोदी और योगी के बीच तनाव जैसा एक नरेटिव गढ़ने की कोशिश की है तब से बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सजग है. सत्ता और कुर्सी की लड़ाई बहुत खतरनाक होती है. यही कारण है कि अंदरखाने में जितने षडयंत्र नहीं होते हैं उससे अधिक अफवाहों का बाजार गर्म रहता है.
विपक्ष जानता है कि इस तरह की बातों पर अगर जनता ने भरोसा कर लिया तो यूपी में खेला हो जाएगा. जिस तरह नरेंद्र मोदी की साख है उसी तरह यूपी में कानून व्यवस्था को सही करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी धाक जमाई है. अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम की कुर्सी से योगी आदित्यानाथ की छुट्टी कर दी जाएगी. हालांकि योगी आदित्यनाथ के कुर्सी संभालने के बाद से ही लगातार इस तरह की अफवाहें चलती रहीं हैं. जितनी ही इस तरह की अफवाहें फैलीं उतना ही सीएम योगी के पांव अंगद की तरह मजबूत होते गए. इस बीच आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ कहा कि 'यह विपक्ष का एक प्रोपेगेंडा है. वैसे भी मैं एक योगी हूं और मेरे लिए सत्ता नहीं बल्कि पार्टी के मूल्यों और सिद्धांतों के लिए कार्य करना, जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए हम राजनीति और सार्वजनिक जीवन में आए हैं उनके लिए कार्य करना हमारी प्राथमिकता है.'
1-लगातार विवाद उठने के बाद भी कुर्सी सुरक्षित रही
2017 में योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सीएम बन गए. प्रदेश में शायद ही किसी को पता था कि योगी आदित्यनाथ भी सीएम बन सकते हैं. बीजेपी में जिस तरह के लोगों को सीएम बनाया जा रहा है उस तरह की विशेषताओं से बिल्कुल विपरीत लक्षणों वाले योगी उत्तर प्रदेश के सीएम बन गए. उनके सीएम बनने के बाद से ही ऐसी बातें फैलती रहीं कि केंद्र से उनके रिश्ते ठीक नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के बड़े अफसरों की नियुक्ति हो या महत्वपूर्ण चुनावों में टिकट की बात रही हो कहा गया कि उनकी नहीं चली. गोरखपुर उपचुनाव में हुई हार को भी संदेह के दृष्टि से देखा गया. फिर भी योगी मजबूत होते रहे.
2021 में मोदी वाराणसी में टहलते हुए और योगी के कंधे पर रखे हुए हाथ जैसे फोटो इस बात की तस्दीक दे रहे थे कि पीएम और सीएम के बीच ऐसा कुछ नहीं है जैसी चर्चाएं चल रही हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में तमाम तरह की अटकलबाजियों के बाद भी सीएम की कुर्सी योगी आदित्यनाथ को मिली. इसके बाद पूर्व आईएएस अफसर अरविंद शर्मा को मंत्री बनाने की बात पर यह बात फैलाई गई कि तनाव अब और बढ़ चुका है. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. कौव्वा कान लेकर उड़ता रहा. पीएम मोदी और सीएम योगी ने कदम ताल मिलाते हुए डबल इंजन की सरकार से यूपी का विकास करते रहे. आज अगर यूपी देश के सबसे तेजी से डिवेलप होते हुए राज्यों में से है तो इसके पीछे दोनों नेताओं के सधे कदमताल ही हैं. अगर दोनों के रिश्तों में जरा भी टकराहट वाली बात होती तो जब विधानसभा में 2 सौ से अधिक विधायकों ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बिगुल बजाने के बाद भी क्या वो मुख्यमंत्री बने रहते.
2-रैलियों के लिए योगी को दूसरे राज्यों से जबरदस्त बुलावा
2024 के लोकसभा चुनाव में एक बात जो गरम है, वह है योगी आदित्यनाथ से 'रैली करने' की मांग, न केवल यूपी में बल्कि पूरे देश में, गुजरात से कर्नाटक तक, महाराष्ट्र से बंगाल तक. लगातार योगी आदित्यनाथ की डिमांड हो रही है.पिछले 6 सप्ताह में उन्होंने करीब 150 से अधिक रैलियां की हैं.पंजाब के बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पत्र लिखकर योगी आदित्यनाथ की रैलियां कराने की मांग की है.
यूपी के सीएम को भेजे पत्र में सुनील जाखड़ ने लिखा है कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है की आपकी योग्यता, कार्यशैली और निष्ठा के चलते पंजाब में भी आपको बहुत पसंद किया जाता है. आपकी कार्यशैली और आपकी प्रशासनिक कार्यकुशलता पंजाब में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. पंजाब की सियासी सभाओं में मौजूदा चुनाव दौर में हम चाहते हैं कि आपके तीन कार्यक्रम बटाला, जालंधर और लुधियाना में करवाए जाएं. आपकी सुविधानुसार लुधियाना में ही आपका रात्रि विश्राम हो सके. आपके दौरे से पंजाब में पार्टी के चल रहे चुनाव अभियान में काफी मदद मिलेगी. यदि आपके व्यस्त समय में थोड़ा सा समय हमें भी दे दें तो इससे भाजपा को काफी मजबूती मिलेगी.
क्या ऐसा संभव है कि मजबूत केंद्र से मनमुटाव के बाद भी एक सीएम को पार्टी में इस तरह सम्मान मिले. सभी मुख्यमंत्री और पार्टी नेता योगी आदित्यनाथ को अपने प्रदेश में बुलाकर रैली करवाएं.राजनीतिक दलों में जिन नेताओं को किनारे लगाना होता है उनको मुख्य प्रचारकों की लिस्ट से ही बाहर कर दिया जाता रहा है.
3-मोदी कर रहे लगातार तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार यूपी की सभाओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ कर रहे हैं. रविवार को यूपी में योगी सरकार की तारीफ में उन्होंने कहा कि हमारे योगी जी अच्छे-अच्छों की गरमी उतारने में एक्सपर्ट हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने ये बातें यूपी के बांसगांव, मिर्जापुर और घोसी लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार की रैलियों में कही. उन्होंने कहा कि जब से यूपी में योगी जी की सरकार आई है, माहौल और मौसम दोनों बदल गया है. योगी जी ने माफियाओं का राज खत्म किया है. माफियाओं ने जो लूटा है उसी पैसे से अब गरीबों के लिए घर बनवाए जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि योगी जी जैसा साथी होना उन्हें गर्व की अनुभूति कराता है. हमारी बहन-बेटियां घर से बाहर नहीं निकल पाती थीं. योगी जी की सरकार में अपराधियों में हिम्मत नहीं है कि वो नागरिकों का अमन चैन बिगाड़ें.
प्रधानमंत्री केवल कानून व्यवस्था के लिए ही योगी की तारीफ नहीं करते बल्कि यूपी की आर्थिक तरक्की के लिए भी योगी की सराहना करते हैं. वे कहते हैं कि जो लोग योगी जी की पहचान केवल बुलडोजर से करते हैं उन्हें अपनी आंख खोल लेनी चाहिए. यूपी में आजादी के बाद जितना औद्योगिक विकास हुआ, उतना अकेले योगी जी के कालखंड में हुआ है. ओडीओपी का उनका मिशन आज पूरे देश में नई इज्जत प्राप्त कर रहा है. इतना ही नहीं वो कहते हैं कि काशी का सांसद होने के नाते ये मेरे भी माननीय मुख्यमंत्री हैं. दरअसल इस तरह की तारीफ आम तौर पर तब ही निकलती है जब किसी को दिल से पसंद किया जाता हो. जबरन की प्रशंसा की तासीर ऐसी नहीं होती है.
संयम श्रीवास्तव