मैदान से खेलकर लौटे छात्र की स्कूल में बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने किया मृत घोषित

गेम पीरियड के दौरान प्लेग्राउंड में नौवीं कक्षा का छात्र अचानक से बेहोश हो गया. स्कूल के टीचर उसे बेहोशी की हालत में घर छोड़ आए. माता-पिता छात्र को अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां, डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. पिता का आरोप है कि तबीयत बिगड़ने पर स्कूल ने बेटे का समय पर इलाज नहीं कराया.

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तनिश सैनी (फाइल फोटो). तनिश सैनी (फाइल फोटो).

रवीश पाल सिंह / लोमेश कुमार गौर

  • हरदा,
  • 10 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हरदा (Harda) जिले में स्कूली छात्र की खेलते-खेलते मौत होने की बात कही जा रही है. छात्र स्कूल के मैदान में अपने दोस्तों के साथ गेम पीरियड के दौरान खेल रहा था. तभी वह अचेत होकर गिर गया. वहीं, बच्चे की मौत पर पीड़ित परिवार ने स्कूल प्रबंधन पर इलाज नहीं करवाने का आरोप लगाया है.

पिता के आरोप पर स्कूल प्रबंधन का कहना है कि तबीयत बिगड़ने के बाद तत्काल छात्र के परिजनों को कॉल किया और दो शिक्षक बच्चे को घर छोड़कर आए थे. वहीं, छात्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेफड़े और ह्रदय का काम नहीं करने की बात सामने आई है.

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जिले के जिजगांव में रहने वाला दिनेश सैनी का 15 साल का बेटा तनिश सैनी ग्राम नकवाड़ा में मौजूद निजी स्कूल में पढ़ने गया हुआ था. घर से पूरी तरह से स्वस्थ हालत में गया छात्र लंच टाइम के बात तीसरे पीरियड (गेम) में स्कूल के प्लेग्राउंड में दोस्तों के साथ खेल रहा था.

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खेलते-खेलते मैदान में गिरा

इंटरवल खत्म होने के बाद तीसरा पीरियड (गेम)  का शुरू हुआ. नौवीं क्लास में पढ़ने वाला तनिश खेलते-खेलते अचेत होकर गिर गया. बात स्कूल प्रबंधन तक पहुंची तो उन्होंने छात्र को तत्काल स्कूल के दो टीचर की मदद से वापस घर भिजवा दिया. 

डॉ. ने बच्चे को किया मृत घोषित

बेटे तनिश को बेसुध हालत में माता-पिता हरदा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार के होश उड़ गए. बच्चे की मां वहीं पर बेहोश हो गई.

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फेफड़े और दिल ने काम करना किया था बंद

जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक शैलेन्द्र परिहार ने कहा कि छात्र का पोस्टमार्टम किया गया. प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि बालक की मौत फेफड़े और ह्रदय का काम नहीं करने के कारण हुई. साथ ही उन्होंने बताया कहा कि मौत का वास्तविक कारण पता करने के लिए बिसरा की जांच के लिए सैम्पल लेब भेजे हैं. जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक कारण पता चलेगा.

बेटे को मरा हुई ही छोड़ गए थे घर - पिता

वहीं पीड़ित पिता ने स्कूल प्रबंधन को बेटे की मौत का जिम्मेदार बताया है. पिता का आरोप है कि बेटा घर से सही सलामत निकला था. स्कूल में उसकी तबीयत बिगड़ी तो समय पर स्कूल प्रबंधन ने इलाज नहीं कराया. टीचर उसे मरा हुआ ही घर पर छोड़ गए थे. जब हम बेटे को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने उसे मृत बता दिया था.

 

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