मध्य प्रदेश के कई गांवों में भारी बारिश के कारण जलभराव से जिला मुख्यालयों से संपर्क टूट गया, जिससे गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन स्थिति में फंसे लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा.
पिछले कुछ दिनों में नदियों और नालों के उफान के कारण खराब सड़कों की वजह से गर्भवती महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ी. दो ऐसे मामले सामने आए. पहले मामले में प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक महिला को बैलगाड़ी से नदी पार कर अस्पताल ले जाया गया.
दूसरे मामले में, एक गर्भवती महिला को खाट पर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा, क्योंकि जलभराव के कारण एंबुलेंस उनके घर तक नहीं पहुंच सकी. इन दोनों घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सड़कों की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार विभाग की जांच की जाएगी. विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या सरकार लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई कदम उठा रही है?
वहीं, राज्य भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि पिछले 20 साल में गांवों तक सड़कों का जाल बिछाया गया, जिससे आपातकालीन स्थितियों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकीं. एक आदिवासी मज़दूर संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार 15 अगस्त तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो वे आंदोलन करेंगे.
बैतूल में एक वायरल वीडियो ने विकास की पोल खोल दी. इसमें एक गर्भवती महिला को उफनती नदी बैलगाड़ी से पार कराया गया. नदी पर पुल न होने के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बैतूल के चिचोली विकासखंड के बोङ रैयत गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया. रविवार को ग्रामीणों ने गर्भवती महिला सुनीता (पति बबलू) को बैलगाड़ी से उफनती भांजी नदी पार कराई, क्योंकि नदी पर पुल नहीं है. भारी बारिश के कारण नदी में तेज बहाव था.
सुनीता को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाकर बैलगाड़ी से नदी पार कराई और एम्बुलेंस से चिरापाटला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. नर्स पूनम उईके की देखरेख में सुनीता ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
परिजनों ने बताया कि नदी का बहाव तेज़ था, लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण तुरंत अस्पताल पहुंचना जरूरी था. ग्रामीणों के सहयोग से यह संभव हुआ.
समाजसेवी राजेंद्र गढ़वाल ने कहा कि भांजी नदी गांव के बीच से गुजरती है और बरसात में ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. संगठनों ने कई बार पुल निर्माण की मांग की, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
कीचड़ भरे रास्ते बने रोड़ा
इसी तरह, भिंड जिले के लहर विधानसभा क्षेत्र के बड़ोखरी गांव की 30 वर्षीय दलित महिला चंचल को सोमवार को तेज प्रसव पीड़ा हुई. जलमग्न और कीचड़ भरे रास्तों के कारण एंबुलेंस उनके घर तक नहीं पहुंच सकी. चार लोगों ने खाट पर लादकर उन्हें एम्बुलेंस तक पहुंचाया.
जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुबे ने बताया कि सड़क की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार विभाग की जांच होगी और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को सीमित धनराशि मिलती है, जिससे विकास कार्य करना मुश्किल है.
गढ़वाल ने दावा किया कि राज्य में वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन बजट का बहाना बनाकर काम टाला जा रहा है. उन्होंने कहा, "ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं होगा."
जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बैतूल की घटना का वीडियो 'X' पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "यह बैतूल के घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के चिचोली का दृश्य है. क्या भांजी नदी पार करने की मजबूरी मजबूत नेतृत्व की निशानी है?" उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल पर भी सवाल उठाए.
BJP का पलटवार
मध्य प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा, "कांग्रेस अपने 50 साल के शासन को न भूले, जिसमें ग्रामीण इलाकों में कोई विकास नहीं हुआ. पिछले 20 वर्षों में सड़कों का जाल बिछाया गया, जिससे एंबुलेंस निकटतम स्थान तक पहुंच सकीं."
आईएमडी के अनुसार, इस मानसून में मध्य प्रदेश में 645.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 418.4 मिमी बारिश हुई थी.
राजेश भाटिया