मध्य प्रदेश के खरगोन में 51 वर्षीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने बेटी को जन्म दिया और नन्ही परी का मुंह देखे बगैर ही दुनिया से विदा हो गईं. इंदौर की रहने वाली खरगोन में पदस्थ जज पद्मा राजोरे की प्रसूति के बाद अचानक तबीयत बिगड़ी गई थी. महिला जज कर्तव्य के प्रति इतनी निष्ठावान थीं कि वे गर्भावस्था के दौरान भी सेवाएं देते रहीं. उनके अचानक निधन से खरगोन से लेकर इंदौर तक न्यायालयीन कर्मचारी और वकील दुःखी हैं. खरगोन में खरगोन न्यायालय में शोक सभा रख सीजेएम को नमन किया.
खरगोन न्यायालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) के पद पर पदस्थ पद्मा राजोरे (50 साल) मूलतः इंदौर के रहने वाली थीं. सीजेएम पद्मा डिलीवरी के लिए 8 जनवरी से मेडिकल अवकाश पर थीं. उनका इलाज शहर के निजी अस्पताल में चल रहा था. हालत गंभीर होने पर 10 जनवरी को उन्हें इंदौर रेफर किया. यहां एक निजी अस्पताल पद्मा ने एक बेटी को जन्म दिया. डिलीवरी के बाद से उनकी तबीयत बिगड़ने और पीलिया होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा. गुरुवार दोपहर तक उनकी सांसें थम गईं. उनका अंतिम संस्कार इंदौर के राऊ में किया गया.
2021 में पदस्थ हुई थीं खरगोन
न्यायालय के पदस्थ कर्मचारियों ने बताया कि पद्मा राजोरे 14 जुलाई 2021 को सीजेएम न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर पदस्थ हुई थीं. उन्होंने गर्भवती होने के दौरान पूरे लगभग 9 माह तक न्यायालय में सेवाएं दीं.
प्रसूति के बाद पीलिया से हो गई थीं पीड़ित
परिजनों ने बताया कि सीजेएम पद्मा को डिलीवरी के बाद पीलिया हो गया था. इसके बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं आया. इसी के चलते उन्हें सीएचएल अपोलो इंदौर में भर्ती करवाया गया. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
शुक्रवार को खरगोन के कोर्ट परिसर में कर्मठ और जुझारू महिला जज पद्मा राजोरे को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. सीजेएम के निधन की खबर ने स्थानीय कोर्ट परिसर में हर किसी को गमगीन कर दिया.
उमेश रेवलिया