MP: भोपाल में मंत्रियों और IAS अफसरों के बंगलों के नजदीक मजार बनाकर कब्जा, हिंदू संगठन बोला- ये 'लैंड जिहाद' है

हिंदू संगठन का दावा है कि मध्य प्रदेश की राजधानी के वीवीआईपी इलाके (1250 क्वार्टर) में 'लैंड जिहाद' चल रहा है. मंत्री, अफसरों मोहल्ले में मजार बनाकर अतिक्रमण किया जा रहा है.

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भोपाल के VVIP इलाके में बनी मजार. भोपाल के VVIP इलाके में बनी मजार.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अति विशिष्ट (VVIP) इलाके 1250 क्वार्टर में एक सरकारी मकान के आंगन में बनी मजार ने विवाद खड़ा कर दिया है. हिंदू संगठनों ने इसे 'लैंड जिहाद' करार देते हुए जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है. यह इलाका मंत्रियों, IAS अधिकारियों और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपमुख्यमंत्री समेत एक दर्जन से अधिक मंत्रियों के सरकारी आवासों से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
 
संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने दावा किया कि यह मजार हाल ही में बनाई गई है और इसे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, "प्रशासन को इसकी जांच कर इसे हटाना चाहिए, वरना हम आंदोलन करेंगे." 

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वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मजार कई वर्षों से मौजूद है. आसपास रहने वाले कुछ निवासियों ने बताया कि यह  मजार पुरानी है और इसे एक मुस्लिम परिवार ने बनाया था, जो इस सरकारी मकान में रहता है. देखें Video:- 

90% सरकारी मकान, फिर भी सिस्टम की चुप्पी
1250 क्वार्टर इलाके में करीब 90% मकान सरकारी हैं, जहां क्लास वन अधिकारी से लेकर बाबू स्तर के कर्मचारी रहते हैं. ऐसे में एक सरकारी मकान के आंगन में मजार का होना सवाल खड़े करता है.

शिकायत की कॉपी

हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन को शिकायत सौंपी है, जिसमें पूछा गया है कि सरकारी जमीन पर यह मजार कैसे बनी? यदि यह पुरानी है, तो इसके आसपास सरकारी इमारतें कैसे बन गईं? और यदि नई है, तो प्रशासन ने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

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हिंदू संगठनों के मुताबिक, यह मजार हाल में बनाई गई है, जबकि स्थानीय लोगों का दावा है कि यह वर्षों पुरानी है. इस विवाद को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन को जांच कर यह स्पष्ट करना होगा कि मजार कब और कैसे बनी. साथ ही, यह भी सवाल उठ रहा है कि सरकारी मकान में इस तरह का निर्माण होने के बावजूद प्रशासन और अधिकारियों ने पहले कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई?

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