लिवर हमारे शरीर का एक बेहद ही जरूरी हिस्सा माना जाता है. लिवर खून को छानने, बाइल प्रोडक्शन और पोषक तत्वों के मेटाबॉलिज्म के साथ ही शारीरिक कामों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये खून से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बड़ी भूमिका निभाता है. डाइट हमारे लिवर के लिए बेहद जरूरी होती है.
कुछ चीजों को खाने से लिवर की कार्य क्षमता बढ़ जाती है जबकि कुछ चीजों को खाने से लिवर पर काफी बुरा असर पड़ता है. इन चीजों से फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस के साथ ही क्रॉनिक लिवर डिजीज का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं इन फूड्स के बारे में-
फ्रुक्टोज-हैवी फूड्स
फ्रुक्टोज एक प्रकार की चीनी है जो फ्रूट्स, शहद और हाई-फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप में पाई जाती है. फलों में इसकी मात्रा कम होती है जिस कारण इसे सेफ माना जाता है. लेकिन बहुत ज्यादा फ्रुक्टोज का सेवन आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है जो आमतौर पर प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है. जब आप बहुत सारा फ्रुक्टोज खाते हैं, तो आपका लीवर उसे तोड़ने के लिए कड़ी मेहनत करता है.
लिवर में यह फ्रुक्टोज फैट के रूप में जमा हो जाता है, जिससे लिवर में फैट जमा होने लगता है, जिसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है. हाई फ्रुक्टोज का सेवन लिवर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन को भी बढ़ाता है. ये यूरिक एसिड के लेवल और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है.
इंडस्ट्री में बने सीड ऑयल-
इंडस्ट्री में बने सीड ऑयल में सूरजमुखी, कपास के बीज, सोयाबीन जैसे तेल को शामिल किया जाता है. इनका इस्तेमाल चीजों को फ्राई करने के लिए किया जाता है. ये आपकी लिवर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं. इन तेलों में ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है. ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन बहुत ज्यादा करने से लिवर को नुकसान हो सकता है.
ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन ज्यादा करने से क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन का सामना करना पड़ सकता है जिससे लीवर को नुकसान पहुंच सकता है और फैटी लीवर जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसकी बजाय नारियल तेल, राइस ब्रान ऑयल और ऑलिव ऑयल का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है.
फ्रूट जूस
बहुत से लोगों को लगता है कि फ्रूट जूस हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. लेकिन मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर फ्रूट जूस में चीनी की मात्रा ज्यादा और फाइबर की मात्रा काफी कम होती है. जब फलों का रस निकाला जाता है तो इसका नेचुरल फाइबर वेस्ट हो जाता है और सिर्फ चीनी यानी फ्रुक्टोज रह जाता है.
बहुत ज्यादा मात्रा में जूस पीने से लिवर पर नेगेटिव असर पड़ता है. इससे लिवर की कोशिकाओं में फैट स्टोर होने लगता है, साथ ही इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का भी सामना करना पड़ता है. इसके लिए जरूरी है कि आप फलों का जूस पीने की बजाय साबुत फल को ही खाएं ताकि आपको फाइबर भी मिल सके.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क