Fatty Liver Turned Cirrhosis: क्या आप भी रोज पीते हैं कोल्ड ड्रिंक, ये गलती Liver कर देगी डैमेज... हो जाएं सावधान

Liver Health: आजकल फैटी लिवर की दिक्कत बहुत कॉमन हो गई है. फैटी लिवर होने पर खानपान का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है. डॉक्टर सौरभ सेठी ने 3 ऐसी ड्रिंक्स बताई हैं जिनसे फैटी लिवर से पीड़ित लोगों को बचना चाहिए क्योंकि ये इस बीमारी को बहुत बिगाड़ सकती हैं.

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फैटी लिवर जानलेवा बनाती हैं ये 3 ड्रिंक्स (Photo: ITG) फैटी लिवर जानलेवा बनाती हैं ये 3 ड्रिंक्स (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

Fatty Liver: लिवर हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालने और भोजन को पचाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. लेकिन हमारी बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण आजकल फैटी लिवर की समस्या तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है.

अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या लिवर सिरोसिस जैसी जानलेवा स्थिति तक पहुंच सकती है. डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि कुछ ऐसी ड्रिंक्स हैं जो सीधे हमारे लिवर पर हमला करती हैं और उसे अंदर ही अंदर सड़ाने लगती हैं.

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हार्वड के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि अगर फैटी लिवर के मरीज इन 3 ड्रिंक्स का सेवन नहीं रोकते तो उन्हें लिवर डैमेज और सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारी होने में देर नहीं लगेगी. 

1. सॉफ्ट/कोल्ड ड्रिंक्स
सोडा या कोल्ड ड्रिंक ज्यादातर लोगों की फेवरेट होती हैं. गर्मी से राहत पाने, प्यास बुझाने, रिफ्रेशमेंट या फिर खाने के साथ...कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने के लिए लोग बहाने खोजते हैं लेकिन इनमें फ्रुक्टोज और चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिसे हमारा लिवर इतनी एक साथ नहीं पचा पाता और उसे सीधे फैट में बदल देता है. यह फैट लिवर पर जमा होता जाता है जिससे लिवर की सूजन बढ़ती और वो धीरे-धीरे खराब होने लगता है.


2. एनर्जी ड्रिंक्स
मार्केट में मिलने वाली एनर्जी ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज और आर्टिफिशियल शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है. हमारा लिवर ही एकमात्र ऐसा अंग है जो फ्रुक्टोज को प्रोसेस कर सकता है. जब हम बहुत अधिक मीठा पीते हैं तो लिवर उस एक्स्ट्रा शुगर को फैट में बदलने लगता है. यही फैट लिवर की कोशिकाओं के आसपास जमा हो जाता है जिससे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की शुरुआत होती है.

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3. बबल टी

बबल टी में भारी मात्रा में सिरप और कंडेंस्ड मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मौजूद फ्रुक्टोज को केवल लिवर ही प्रोसेस कर सकता है. जब आप इतनी ज्यादा मात्रा में चीनी पीते हैं, तो लिवर इसे संभाल नहीं पाता और इसे तुरंत फैट (Fat) में बदलना शुरू कर देता है. इससे बहुत जल्दी नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या हो जाती है.

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