हेयर ट्रांसप्लांट से हुई इंजीनियर की मौत, जानें किन लोगों को नहीं कराना चाहिए ये ट्रीटमेंट

कानपुर जिले में पनकी प्लांट में सहायक इंजीनियर विनीत दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान चली गई. ऐसे में अगर आप भी गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं और हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सोच रहे हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जान लें.

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हेयर ट्रांसप्लांट कराते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. हेयर ट्रांसप्लांट कराते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए.

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

गंजापन एक ऐसी समस्या है जो तेजी से बढ़ती जा रही है. बिजी लाइफस्टाइल और पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन ना करने से सेहत के साथ-साथ बालों की हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है. मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि गंजे सिर पर फिर से बाल उगाना भी अब काफी आसान हो गया है. गंजे सिर पर बाल उगाने की इस तकनीक को हेयर ट्रांसप्लांट कहा जाता है. 

हाल ही में कानपुर जिले में पनकी प्लांट में सहायक इंजीनियर पद पर कार्यरत  विनीत दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान चली गई. विनीत गोरखपुर के रहने वाले थे और हाल ही में उन्होंने एचबीटीआई कानपुर से पीएचडी पूरी की थी. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद विनीत के पूरे चेहरे पर सूजन आ गई थी. तबियत ज्यादा खराब होने पर विनीत को कानपुर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती किया लेकिन इंफेक्शन उनके पूरे शरीर में फैल चुका था जिससे उनकी मौत हो गई. 

यह एक ऐसी प्रोसेस है जिससे सिर के पिछले भाग से जहां घने बाल होते हैं वहां से बालों को निकालकर उस ऐरिया में प्लांट कर दिया जाता है जहां पर बाल नहीं हैं. ये प्रक्रिया सुनने में तो काफी आसान महसूस होती है लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ता है.  विनीत के अलावा भी कई ऐसे लोग हैं जो हेयर ट्रांसप्लांट के कारण अपनी जान गवां चुके हैं. तो अगर आप भी गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं और हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सोच रहे हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जान लें.

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हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है?

हेयर ट्रांसप्लांट के तहत प्लास्टिक या डर्मेटोलॉजिकल सर्जन बालों को सिर के गंजे हिस्से में ट्रांसप्लांट करते हैं. इस प्रक्रिया में सर्जन बालों को सिर के पीछे या किनारे से आगे या सिर के ऊपर ट्रांसप्लांट करते है. हेयर ट्रांसप्लांट आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया के तहत एक मेडिकल ऑफिस में किया जाता है. 

कितने तरह का होता है हेयर ट्रांसप्लांट? 

हेयर ट्रांसप्लांट दो तरह का होता है- स्लिट ग्राफ्ट और माइक्रोग्राफ्ट. स्लिट ग्राफ्ट में  हर ग्राफ्ट 4 से 10 बाल होते हैं. वहीं, कवरेज के आधार पर माइक्रोग्राफ्ट में हर ग्राफ्ट 1 से 2 बाल होते हैं. 

किन लोगों को मिलता है हेयर ट्रांसप्लांट का फायदा?

पैटर्न गंजेपन की समस्या से जूझ रहे पुरुष.

महिलाएं, जिनके बाल काफी पतले हो.

जिन लोगों के जलने या चोट लगने की वजह से बाल झड़ गए हो.

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हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना?

आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स काफी हल्के होते हैं और कुछ हफ्तों के बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. इसमें शामिल हैं- 

  • ब्लीडिंग
  • इंफेक्शन
  • स्कैल्प में सूजन
  • आंखों के आसपास नीला पड़ना
  • सिर के उस हिस्से में पपड़ी बनना जहां के बाल निकाले गए हो या जहां ट्रांसप्लांट किया गया हो.
  • ट्रांसप्लांट किए गए हिस्से का सुन्न पड़ना
  • खुजली
  • हेयर फॉलिकल्स  में सूजन या इंफेक्शन
  • बालों में अप्राकृतिक दिखने वाले गुच्छे

किन लोगों को नहीं कराना चाहिए हेयर ट्रांसप्लांट

  • जिन लोगों की दवाइयों या कीमोथेरेपी के कारण बाल झड़ रहे हों.
  • जिन लोगों के सिर पर चोट लगने या सर्जरी के बाद कोई गहरे निशान हों.
  • जिन महिलाओं के सिर में हर जगह से बाल झड़ रहे हैं.

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या होता है?

आपके स्कैल्प में दर्द हो सकता है, और आपको हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दवाइयां लेने की जरूरत हो सकती है, जैसे:

  • दर्द की दवाई
  • इंफेक्शन के खतरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स
  • सूजन को कम रखने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयां

अधिकतर लोग हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाने के कुछ दिनों के बाद ही काम पर लौट सकते हैं. सर्जरी के 2 से 3 हफ्तों के बाद ट्रांसप्लांट किए गए बालों का गिरना आम होता है क्योंकि इससे नए बाल उगते हैं. ज्यादातर लोगों के 8 से 12 महीने के बाद नए बाल उगना शुरू हो जाते हैं. 

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हेयर ट्रांसप्लांट करवाते समय क्या ध्यान रखना चाहिए

  • यह प्रक्रिया एक मान्यता प्राप्त और अच्छे अस्पताल में सर्जरी प्रोटोकॉल के साथ की जानी चाहिए.
  • हेयर ट्रांसप्लांट करवाते समय ध्यान रखें कि योग्य  डॉक्टर से ही यह सर्जरी करवाएं जिनके पास लाइसेंस हो.
  • प्रक्रिया के सुरक्षित और प्रभावी परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए रेगुलर फॉलोअप प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए.
  • हेयर ट्रांसप्लांट से पहले आपको तकनीकों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है. हेयर ट्रांसप्लांट में कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. आपके लिए कौन सी तकनीक बेहतर है इसके बारे में पता होना जरूरी है. 
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