Health of Heart: हार्ट अटैक के संकेतों को गैस-एसिडिटी समझना ले लेगा आपकी जान, न करें भूल

Signs of Silent Heart attack: हार्ट अटैक एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में मौतों का सबसे बड़ा कारण है लेकिन फिर लोग इसके खतरे को अनदेखा कर देते हैं. हैरानी इस बात की है कि कई बार खुद डॉक्टर भी हार्ट अटैक के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं.

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हार्ट अटेक के संकेतों को ना करें इग्नोर (Photo: ITG) हार्ट अटेक के संकेतों को ना करें इग्नोर (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

Signs of Silent Heart attack: हार्ट अटैक दुनिया भर में लोगों की मौत का सबसे बड़ा कारण है. यह वह भयानक सच्चाई है जिसे हम सब जानते हैं. इसके बारे में लगातार सुनते भी हैं फिर भी ज्यादातर लोग इसके बारे में सुनकर भी अनसुना कर देते हैं. विडंबना है कि आम इंसान ही नहीं बल्कि कई बार डॉक्टर भी इसके हार्ट अटैक के संकेतों को को नजरअंदाज करने की गलती कर बैठते हैं.

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डॉक्टर ने दिल के संकेतों को किया अनसुना

अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्स्प्रेस' की एक रिपोर्ट में बेंगलुरु के स्पर्श हॉस्पिटल में प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया, मेरे एक 58 वर्षीय डॉक्टर सहकर्मी को सुबह 4.30 बजे उठकर योग से दिन की शुरुआत करने की आदत थी. लेकिन एक दिन उन्हें थोड़ी बेचैनी महसूस हुई और उन्होंने इसे सामान्य थकान और काम के तनाव का नतीजा बताते हुए अपने सेशन को नजरअंदाज कर दिया.

बार-बार लक्षण किए इग्नोर

इसके बाद सुबह 10 बजे उन्हें पांच से दस मिनट तक सीने में भारीपन महसूस हुआ, साथ ही हल्का पसीना भी आया जिसका कारण उन्होंने नाश्ते और सुबह व्यायाम न करने से बनी गैस बताया.

ब्लॉक थीं खून की नसें

दोपहर 12.30 बजे उन्हें लगातार दर्द और बहुत ज्यादा पसीना आने के लक्षण दिखाई दिए. तब कहीं जाकर वो रिक्शा लेकर नजदीकी अस्पताल गए. उनके उनकी ब्लड की वेसल्ट 95 पर्सेंट ब्लॉक थीं और उन्हें स्टेंटिंग की जरूरत थी जो बंद धमनियों को खोलने और रुके हुए ब्लड फ्लो शुरू करने की एक प्रक्रिया है.

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कभी भी कैसे भी आता सकता है हार्ट अटैक

बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कभी-कभी दिल के दौरे के लक्षण waves और intervals में आ सकते हैं. यानी कोई एक लक्षण दिखता है और फिर दूसरा लक्षण कुछ देर बाद दिखता है. कभी-कभी शुरुआती लक्षण इतने हल्के और मामूली होते हैं जिन्हें लोग अपच, शारीरिक तनाव या ब्लड प्रेशर की समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. इसे ही हम स्टटरिंग हार्ट अटैक (stuttering heart attack) कहते हैं.

स्टटरिंग हार्ट अटैक (stuttering heart attack)  बार-बार होने वाले, उतार-चढ़ाव वाले लक्षणों का एक पैटर्न होता है जो किसी बड़े दिल के दौरे से पहले हो सकता है.

यह तब होता है जब कोरोनरी धमनी में रुकावट हो रही होती है और वो रुक-रुक कर खुलती और बंद होती है जिससे ब्लड का प्रवाह थोड़ा रुक जाता है, फिर शुरू हो जाता है और फिर बाद में रुक जाता है. इसकी वजह से कई घंटों या कई दिनों तक हार्ट अटैक से पहले आने वाले लक्षण नजर आते हैं जिसके बाद पूरी तरह से रुकावट होती है और वो एक बड़े दिल के दौरे का रूप ले लेती है. 

stuttering heart attack में क्या होता है?

stuttering heart attack सामान्य या silent heart attack के विपरीत एक प्रकार का दिल का दौरा है. इसमें हार्ट अटैक के लक्षण बहुत हल्के या बार-बार आते और जाते रहते हैं, जिससे व्यक्ति को सामान्य गैस या अपच जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. इसका मतलब है कि हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह में बार-बार रुकावट आती है.

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किसी भी लक्षण को मामूली ना समझें

वो कहते हैं, मैं जितने भी मरीजों को देखता हूं, उनमें कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए. कभी-कभी होने वाले दर्द, सीने में दबाव, भारीपन या जकड़न की जांच जरूरी है. यह कुछ मिनटों से ज्यादा समय तक रहता है या चला जाता है और फिर वापस आ जाता है तो उसको भी गंभीरता से लें. इसके अलावा इस कंडीशन में मरीज को एक या दोनों हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांतों या पेट में बेचैनी का अनुभव हो सकता है. पसीना आना, ठंडा पसीना आना, या त्वचा का चिपचिपा होना, मतली, चक्कर आना या थकान भी इसके लक्षण हैं.

कैसे पता करें, धमनियां 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा बंद हो गई

कुछ लक्षणों का जांच किए बिना ये पता लगाना संभव नहीं है. इसलिए आपको डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर और फैमिली हिस्ट्री की कंडीशन में सालाना पूरे शरीर की जांच करवानी चाहिए. अगर आप धूम्रपान और शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं तो उन्हें छोड़ें और डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और नींद में सुधार पर ध्यान दें. 

क्या धमनी में 10 प्रतिशत प्लाक से भी दिल का दौरा पड़ सकता है?

कोई भी धमनी में प्लाक फट सकता है और उसके बाद खून का थक्का बनने से हृदय में ब्लड फ्लो रुक सकता है जिससे दिल का दौरा पड़ आता है. रुकावट की मात्रा हमेशा मायने नहीं रखती. प्लाक का कम प्रतिशत दिल के दौरे से बचाव की गारंटी नहीं देता है और डॉक्टर आपके बाकी रिस्क फैक्टर्स को देखते हुए इसे रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव की सलाह दे सकते हैं. अगर आपके कोलेस्ट्रॉल और शुगर जैसे रिस्क फैक्टर पहले से ही हैं तो आपको उन्हें नियंत्रित करने के लिए दवा लेने की सलाह दी जा सकती है.

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