कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Kanpur-based businessman Piyush Jain) को आज अदालत (bail application) ने जमानत देने से इनकार कर दिया. पीयूष जैन को 27 दिसंबर को डीजीजीआई टीम ने घर में 197 करोड़ की रकम छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस समय से अब तक पीयूष जैन जेल में बंद है. गिरफ्तारी के 66 दिन बाद पीयूष जैन के बड़े बेटे प्रत्यूष जैन ने अपने वकील चिन्मय पाठक के माध्यम से जमानत की अर्जी लगाई थी.
जानकारी के अनुसार, बचाव पक्ष के वकील ने 182 पन्नों की अपनी अर्जी में इसे सिर्फ GST चोरी का मामला बताकर जमानत देने की अपील की थी. पीयूष जैन के वकील ने तर्क दिया था कि मेरे क्लाइंट के पास पासपोर्ट भी नहीं है. ऐसे में उनके देश छोड़कर जाने की संभावना भी नहीं है. उनकी जमानत पर तीन दिन से बहस चल रही थी.
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GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) के वकील अम्बरीश टंडन ने पीयूष की जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखे कि आरोपी ने अभी तक बरामद पैसे के स्रोत का कोई आधार उजागर नहीं किया है. इसके बाद उनके पास से नौ लाख रुपये और बरामद किए गए हैं. अभी मामले में जांच की जा रही है. ऐसे में आरोपी को जमानत मिलने से जांच में बाधा आ सकती है.
आखिर अदालत ने पीयूष जैन की जमानत अर्जी (bail application) खारिज कर दी. अदालत ने माना है कि कैश बहुत ज्यादा है. आरोपी ने अभी तक इसका कोई एक्सप्लेन नहीं किया है. वहीं पीयूष जैन के वकील का कहना है कि हमने अपने सारे तर्क अदालत के समक्ष रखे थे. अब हम ऊपरी अदालत में जमानत के लिए अपील करेंगे.
रंजय सिंह