राउज एवेन्यू कोर्ट ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है. साथ ही कोर्ट ने सज्जन कुमार को बिना अनुमति देश न छोड़ने के निर्देश दिए हैं. स्पेशल जज एमके नागपाल ने सज्जन कुमार को जमानत देने का आदेश दिया.
इस मामले में जमानत मिलने के बावजूद सज्जन कुमार जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि वे एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. मामला एक नवंबर, 1984 का है जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीडि़तों के राज नगर इलाके स्थित घर पर सरियों और लाठियों से हमला कर दिया था.
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे. शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीडि़तों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की.
वैसे इससे पहले पिछले साल सितंबर में भी सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी. तब हवाला दिया गया था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें एक बेहतर अस्पताल में इलाज की जरूरत है. लेकिन उस समय सीबीआई ने कहा था कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है और कस्टडी में रहते हुए भी उनका इलाज किया जा सकता है. इसके बाद कोर्ट ने तब उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. लेकिन अब राउज एवेन्यू कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई है.
संजय शर्मा