शराब नीति मामले में आरोपी समीर महेंद्रू को मिली 6 हफ्ते की जमानत, 25 जुलाई को करना होगा सरेंडर

शराब कोबारी और दिल्ली सरकार की विवादास्पद आबकारी नीति मामले के आरोपी समीर महेंद्रू को 6 हफ्ते के लिए अदालत से जमानत मिल गई है. अब महेंद्रू को 25 जुलाई को संबंधित अदालत के सामने सरेंडर करना होगा.

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समीर महेंद्रू (फाइल फोटो) समीर महेंद्रू (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:35 AM IST

दिल्ली सरकार की विवादास्पद आबकारी नीति मामले के आरोपी कारोबारी समीर महेंद्रू को दिल्ली हाई कोर्ट ने छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है. महेंद्रू को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बीमारी के आधार पर जमानत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 जुलाई को आरोपी समीर से संबंधित अदालत के सामने सरेंडर करने के लिए कहा है.

आखिर है कौन समीर महेंद्रू?

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समीर महेंद्रू एक शराब कारोबारी हैं और इंडोस्पिरिट्स (Indospirits) के मालिक हैं. महेंद्रू के घर पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में इसी महीने छापेमारी भी की थी. इससे पहले समीर महेंद्रू 2013 के एक मामले में CBI के गवाह रहे थे.

महेंद्रू की गवाही ने निभाई थी अहम भूमिका

समीर महेंद्रू ने 2013 के एक मामले में दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (DSIIDC) के दो अधिकारियों- सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह के खिलाफ गवाही दी थी. यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था. सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह पर आरोप था कि वो काम के बदले में शराब कारोबारियों से हर महीने 4-5 महंगी शराब की बोतल लेते थे. महेंद्रू की गवाही की वजह से ही कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों को दोषी पाया था.

क्या है शराबी नीति घोटाला?

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आपको बताते चलें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक नई शराब नीति लॉन्च की थी. अपनी इसी नीति के चलते केजरीवाल की सरकार अब आलोचनाओं का सामना भी कर रही है. दरअसल इस नीति के तहत राजधानी में शराब कारोबारी ग्राहकों को डिस्काउंटेड रेट पर शराब बेच रहे थे. यह ऑफर इतने लुभावने थे कि एक बोतल खरीदने पर दूसरी बोतल फ्री में दी जा रही थी. इस आबकारी नीति के चलते दिल्ली में शराब की करीब 650 दुकानें खुली थीं.

सरकार को वापस खींचने पड़े कदम

इसके बाद जांच एजेंसी ने इस आबकारी नीति में घोटाले की बात कही और इसके बाद से तो राज्य सरकार लगातार बैकफुट पर आती रही. मामले में संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश की थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया. इसके साथ ही राजधानी में 1 सितंबर से पुरानी शराब नीति दोबारा लागू कर दी गई. नई नीति लागू होने से पहले ही कई लाइसेंस धारकों ने अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए थे.

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