मुंबईः कोर्ट ने कहा, 'मौके से कॉन्डम मिलने का मतलब ये नहीं कि सहमति से संबंध बने हों'

मुंबई की एक अदालत ने आरोपी के वकील की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने कहा था कि मौके से कॉन्डम भी मिला था, जो साबित करता है कि आरोपी और पीड़िता के बीच सहमति से संबंध बने थे. हालांकि, कोर्ट ने आरोपी नौसेना के अधिकारी को मामले की जांच पूरी होने पर जमानत जरूर दे दी है.

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मुंबई की कोर्ट ने आरोपी नौसेना अधिकारी को जमानत दे दी. (प्रतीकात्मक तस्वीर) मुंबई की कोर्ट ने आरोपी नौसेना अधिकारी को जमानत दे दी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

विद्या

  • मुंबई,
  • 01 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST
  • नौसेना के अधिकारी पर लगा है आरोप
  • साथी की पत्नी के साथ दुष्कर्म का केस

मुंबई की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी नौसेना के अधिकारी को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशल जज संजश्री जे घरात ने उन्हें मामले की जांच पूरी होने के कारण जमानत दे दी है. हालांकि, उन्होंने आरोपी की उस दलील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने कहा था कि घटनास्थल में कॉन्डम मिला था और इसका मतलब था कि सहमति से संबंध बनाए गए थे. 

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क्या है मामला?

पीड़ित महिला के पति नेवी में काम करते हैं और वो आरोपी को अलॉट हुए क्वार्टर में ही अपने पति के साथ रहती थीं. महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 23 अप्रैल को उनके पति 5 महीने की ट्रेनिंग के लिए केरल चले गए थे. वो उस वक्त घर पर अकेली ही थीं.

महिला का कहना था कि 29 अप्रैल को आरोपी ने उसे चॉकलेट दी और 30 अप्रैल की रात को उसके सिर में तेज दर्द हुआ. महिला ने आरोपी से कुछ दवा मांगी, लेकिन उसके पास नहीं थी. इसके बाद आरोपी ने महिला का मुंह दबा दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया. महिला का कहना है कि उसने ब्लेड से आरोपी के ऊपर हमला करने की कोशिश की, लेकिन इससे उसे ही नुकसान पहुंच गया.

आरोपी ने महिला को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे पति को फंसा दिया जाएगा. हालांकि, उसने तुरंत बाद इसकी सूचना अपने पति को दी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

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कोर्ट में क्या पेश हुईं दलीलें?

आरोपी ने जमानत की अर्जी दाखिल की. आरोपी की ओर से पेश हुए एडवोकेट नीलेश दलाल ने दलील दी कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उस वक्त घर में एक और व्यक्ति था और उस वक्त बलात्कार करना संभव नहीं था. उन्होंने ये भी कहा कि बच्चा न पैदा करने को लेकर पति और पत्नी में अक्सर झगड़ा हुआ करता था. एडवोकेट नीलेश ने कहा कि घटनास्थल पर कॉन्डम भी मिला था, जो दिखाता है कि संबंध सहमति से बनाए गए थे. वहीं, सरकारी वकील कल्पना हीरे ने जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि भले ही जांच पूरी हो गई हो, लेकिन आरोपी पीड़ित महिला और उसके पति को धमका सकता है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि महिला की शिकायत ये है कि आरोपी ने उसके पति की गैरमौजूदगी का फायदा उठाया. 

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा, 'ये बात नोट करने लायक है कि महिला ने अपने पति को खुद इसकी शिकायत की और उसने खुद को लगी चोट की ओर इशारा दिया.' कोर्ट ने आरोपी की दलील को खारिज करते हुए कहा, 'केवल इसलिए कि घटनास्थल पर कॉन्डम पाया गया था, इसलिए ये मान लेना कि पीड़िता के आरोपी के साथ सहमति से संबंध है. सही नहीं है. हो सकता है कि आगे की परेशानियों से बचने के लिए आरोपी ने कॉन्डम का इस्तेमाल किया हो.' हालांकि, कोर्ट ने देखा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है, इसलिए आरोपी को उन्होंने जमानत दे दी. 

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