कर्नाटक में चल रही सियासी खींचतान के बीच अब उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपने बेंगलुरु स्थित आवास पर मंगलवार को ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है. इसे लेकर शिवकुमार ने कहा, 'यह मेरे और सीएम के बीच है.हम भाई जैसे हैं.' यह बैठक दोनों नेताओं के बीच जारी तनातनी और मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों के बीच हो रही है.
इससे पहले, कांग्रेस आलाकमान के दबाव के बाद, दोनों नेताओं ने 29 नवंबर को सिद्धारमैया के आवास 'कावेरी' में पहली ब्रेकफास्ट मीटिंग की थी, जिसका उद्देश्य एकता प्रदर्शित करना था.
उस मुलाकात के बाद सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा था कि उनके और शिवकुमार के बीच "कोई मतभेद नहीं हैं" और न भविष्य में होंगे, और उनका एजेंडा 2028 के चुनाव हैं.मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सत्ता-साझेदारी पर हाईकमान के निर्णय का पालन करेंगे.
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शिवकुमार चाहते हैं सीएम पद
यह विवाद उस समय फिर उभरा, जब पिछले महीने सिद्धारमैया ने अपने पांच वर्षीय कार्यकाल का आधा हिस्सा पूरा किया. इसके बाद शिवकुमार के वफादारों ने यह दावा करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग शुरू कर दी कि पार्टी में कथित तौर पर यह सहमति बनी थी कि मुख्यमंत्री पद कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष (वर्तमान में डीके शिवकुमार) को सौंपा जाएगा.
हालांकि, सिद्धारमैया ने किसी भी समझौते से इनकार किया है और पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का दावा किया है. इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तनाव को कम करने के लिए दिल्ली से आर बेंगलुरु में डेरा डालना पड़ा था.
कांग्रेस आलाकमान संकट का हल निकालने में जुटा
खड़गे ने 29 नवंबर को राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. सूत्रों के अनुसार, अगले दो दिनों में अंतिम फैसला आने की उम्मीद थी.शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायकों का एक समूह हाल ही में मध्यावधि नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव बनाने हेतु दिल्ली गया था, जबकि सिद्धारमैया के समर्थकों ने ऐसी किसी भी व्यवस्था से साफ इनकार किया है.
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कांग्रेस के शीर्ष नेता कथित तौर पर तनाव कम करने और सरकार को स्थिर करने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल और कर्नाटक कांग्रेस इकाई में संगठनात्मक बदलाव सहित कई कदमों पर विचार कर रहे हैं .
नागार्जुन / अपूर्वा जयचंद्रन