'अविश्वास क्या वो कोई भी प्रस्ताव लाएं... हम तैयार हैं', विधानसभा सत्र से पहले बोले CM सिद्धारमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी कांग्रेस सरकार 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विपक्ष की ओर से लाए जाने वाले किसी भी अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने नेतृत्व से जुड़े मुद्दों पर हाईकमान के फैसले का पालन करने की बात दोहराई.

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विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेलगावी में 8 से 19 दिसंबर तक चलेगा. (Photo: PTI) विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेलगावी में 8 से 19 दिसंबर तक चलेगा. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 06 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विपक्ष की ओर से लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के साथ मौजूद सिद्धारमैया ने दोहराया कि वे दोनों नेतृत्व से जुड़े मुद्दों पर हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे.

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सिद्धारमैया ने कहा, 'विपक्ष चाहे अविश्वास प्रस्ताव लाए, स्थगन प्रस्ताव लाए या कोई और प्रस्ताव- हम तैयार हैं. हमारी सरकार पूरी तरह पारदर्शी है. हमें किसी भी स्थिति का सामना करने में कोई डर नहीं है.' हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने स्पष्ट किया कि बीजेपी और जेडी(एस) ने अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अब तक कोई चर्चा या फैसला नहीं लिया है.

'हाईकमान जो भी फैसला लेगा हम उसका पालन करेंगे'

कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र महाराष्ट्र की सीमा से सटे बेलगावी में 8 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा. नेतृत्व परिवर्तन से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान बहुत मजबूत है. उन्होंने कहा, 'डी.के. शिवकुमार और मैं हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, उसके प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेंगे.'

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क्या खड़गे और शिवकुमार के बीच हुई नेतृत्व परिवर्तन पर बात?

इससे पहले दिन में बेंगलुरु में शिवकुमार, वीधान सौधा से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को डॉ. बी.आर. आंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद एयरपोर्ट तक छोड़ने गए. इससे दोनों नेताओं के बीच नेतृत्व मुद्दे पर बातचीत की अटकलें तेज हुईं. राज्य में कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आधे रास्ते पर पहुंचने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच सत्ता संघर्ष भी तेज हो गया था.

हाल ही में हाईकमान के निर्देश पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने एक-दूसरे के घर पर नाश्ते की बैठकें की थीं, जिसे नेतृत्व विवाद को कुछ समय के लिए शांत करने और बेलगावी सत्र से पहले यह संकेत देने के कदम के रूप में देखा जा रहा है कि फिलहाल सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

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