ये विचारों की टक्कर है. जिसमें एक तरफ जावेद अख्तर हैं तो दूसरी तरफ तारिक फतेह. अक्सर मुस्लिम समुदाय के असली प्रतिनिधि सही मंच तक नहीं पहुंच पाते. जिसकी वजह से कई बड़े मुद्दों पर मुसलमानों की राय सामने नहीं आती. उनके दिल की बात किसी मंच पर सुनाई नहीं देती और फिर इस्लाम को गलत रोशनी में देखा जाने लगता है, लेकिन आजतक ने हमेशा सभी आवाजों को मंच दिया है और आज हम मुस्लिम समुदाय के दो पढ़े लिखे और जाने- माने इस्लाम के जानकारों को एक मंच पर लाए हैं. जावेद अख्तर और तारिक फतेह.