भू-कानून आने से उत्तराखंड में रुकेगा डेमोग्राफिक चेंज? जानें इसके लिए नए लॉ में क्या हैं प्रावधान

उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर धामी सरकार लगातार मुखर रही है. सरकार के अनुसार उसने पहले यूसीसी और अब सख्त भू-कानून लाकर डेमोग्राफी चेंज को रोकने की कोशिश की है.

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उत्तराखंड में धामी सरकार डेमोग्राफिक चेंज रोकने के लिए सख्त भू-कानून लेकर आई. (PTI/File Photo) उत्तराखंड में धामी सरकार डेमोग्राफिक चेंज रोकने के लिए सख्त भू-कानून लेकर आई. (PTI/File Photo)

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 22 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

उत्तराखंड विधानसभा ने भू-संशोधन कानून को शुक्रवार को ध्वनि मत से पारित कर दिया. इसे यूसीसी के बाद धामी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. सरकार दावा कर रही है की इस कदम से उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज (जानसांख्यकीय बदलाव) पर रोक लग सकेगी. धामी सरकार का दावा है कि यह अब तक का सबसे सख्त भू-कानून होगा. संशोधित भू-कानून  के अनुसार उत्तराखंड के 11 जिलों में अब बाहरी लोग एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर योग्य जमीन नहीं खरीद पाएंगे. वहीं टूरिस्म, एजुकेशन, आयुष और स्वास्थ्य संबंधी प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए कोई जमीन खरीदता है, तो संबंधित विभाग को उक्त जिले के रजिस्ट्रार से स्वीकृति लेनी होगी.

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उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर धामी सरकार लगातार मुखर रही है. सरकार के अनुसार उसने पहले यूसीसी और अब सख्त भू-कानून लाकर डेमोग्राफी चेंज को रोकने की कोशिश की है. आजतक से खास बातचीत में उत्त्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा, 'देवभूमि में लोग जमीन किसी और मतलब के लिए खरीद रहे थे, भू-कानून के तहत पहले से भी सरकार काफी कर्रवाई करती आ रही है. अब जमीनों पर कब्जा, अवैध तरीके से जमीन की खरीद-फरोख्त को रोका जा सकेगा. बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड के पहाड़ों में गलत मतलब के लिए जमीन नहीं खरीद सकेंगे.'

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वहीं कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा, 'यूसीसी की तरह भू-कानून में डेमोग्राफिक चेंज की बात कर रहे हैं. कहां से हो गया डेमोग्राफिक चेंज? जो मुस्लिम समाज के लोग 40 सालों से हरिद्वार के रानीपुर में रह रहे थे, रुड़की के ढंढेरा में एक पहाड़ी समुदाय के व्यक्ति चेयरमैन बने. हम कहते हैं यह अच्छी बात है. लेकिन जब बाहरी की बात हो रही है तो आप छोटे लोगों को रोक रहे हैं. ऐसे ही यूसीसी में भी आप कह रहे थे. आप यूसीसी में लिव-इन ले आए जो हमारी संस्कृति के खिलाफ है. उत्त्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है. आप यहां स्मार्ट मीटर के नाम पर घोटाला कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.'

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक प्रीतम सिंह ने आजतक से कहा, 'संशोधित भू-कानून तब लाया गया है, जब सबकुछ लुट गया. अब जमीनें कहां रह गईं हैं. सरकार ने नए कानून में हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़ दिया है. 2003 में एनडी तिवारी के कार्यकाल में सख्त भू-कानून आया था. धामी सरकार एक हाथ देती है, तो दोनों हाथों से लूट लेती है.' वहीं भू-कानून संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा, 'उत्तराखंड का मूल स्वरूप हम नहीं बदलने देंगे. उत्तराखंड से आप जब भी कहीं जाते हैं, तो लोग कहते हैं देखो देवभूमि से आया है. हम यहां की डेमोग्राफी नहीं बदलने देंगे.'

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