उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण में मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अब तीरथ सिंह सरकार के मंत्री भी मानने लगे हैं कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और अब राज्य में लॉकडाउन लगा दिया जाना चाहिए नहीं तो स्थिति विकराल हो जाएगी. वहीं, हरिद्वार में कुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल को होना है. कोरोना संक्रमण के चलते कुंभ मेले का संन्यासियों के 5 अखाड़ों की तरफ से समापन कर दिया गया है, लेकिन बैरागी और वैष्णो संप्रदाय के आखड़े अंतिम स्नान के लिए अभी रुके हुए हैं. ऐसे में देखना है कि मंत्रिमंडल की सोमवार को होनी वाली बैठक में लॉकडाउन लगाने को लेकर क्या फैसला होता है.
कोरोना पॉजिटिव अपने भांजे को तमाम कोशिशों के बावजूद अस्पताल में बेड दिलवा पाने में नाकाम साबित रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील की तरह अब अंतिम विकल्प रह गया है कि प्रदेश में तत्काल संपूर्ण लॉकडाउन लगा देना चाहिए, वरना स्थिति और विकराल हो जाएगी. रावत ने कहा कि सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे को रखा जाएगा.
मंत्री ने बताई बेड की किल्लत
हरक सिंह रावत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश से लेकर देहरादून तक किसी भी अस्पताल में उनको ऑक्सिजन सपोर्टेड बेड नहीं मिला, क्योंकि सब जगह कोरोना पेशेंट फुल थे. आखिर में मैक्स अस्पताल में चेकअप कराने के बाद उन्होंने अपने भांजे को अपने सरकारी आवास में आइसोलेट कराना पड़ा. मंत्री का कहना है कि यह हकीकत है कि अस्पताल ओवरलोड हो गए हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है, उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में एक दिन में पांच हजार कोविड पॉजिटिव मरीजों का आना चिंता का विषय है.
मंत्री हरक सिंह रावत के घर में उनके भांजे के अलावा उनका बेटा, बहू समेत लगभग दस लोग कोविड पॉजिटिव हैं. रावत का कहना है कि उनकी अधिकांश मंत्रियों से बात हुई है, सभी की लगभग यही राय है कि स्थिति संभालनी है तो तुरंत लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए, वरना प्रदेश की स्थिति काफी खराब हो जाएगी. बता दें कि पीएम मोदी साफ कह चुके हैं कि लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के तौर पर लगाने की दिशा में विचार करना चाहिए. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सोमवार को कैबिनेट बैठक में क्या फैसला लेते हैं यह देखने वाली बात होगी.
कुंभ में अंतिम शाही स्नान
वहीं, राज्य सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ की अवधि को घटा दिया था. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए संन्यासियों के 5 अखाड़ों ने कुंभ के समापन की घोषणा कर दी थी, लेकिन कुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान के लिए बैरागी और वैष्णो अखाड़ों के काफी साधु-संत हरिद्वार में डेरा जमाए हुए हैं. ऐसे में ये साधु-संत मंगलवार को गंगा में डुबकी लगाएंगे.
बता दें कि हरिद्वार में हो रहे कुंभ में 4 शाही स्नान और 11 अन्य स्नान होने थे. अभी तक 3 शाही स्नान हो चुके हैं. अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा के दिन है. कुंभ में कोरोना को लेकर आशंकाएं पहले दिन से थीं. इसीलिए इस बार ये आयोजन एक महीना पहले यानी 30 अप्रैल को ही खत्म किया जाना है. लेकिन जिस समय ये अवधि घटाई गई उस समय तक देश में कोरोना की दूसरी लहर का विस्फोट नहीं हुआ था. कई राज्यों ने हरिद्वार कुंभ से लौटे लोगों के लिए 14 दिन का होम क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया है.
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए 17 अप्रैल को ट्वीट कर लिखा था- 'आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की. सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना. सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया. मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी.' पीएम की इस अपील का असर भी हुआ. जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संन्यासी अखाड़ों के संत अब प्रतीकात्मक स्नान ही करेंगे.
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