उत्तराखंडः बद्रीनाथ के कपाट भी खुले, कोरोना की वजह से लगातार दूसरे साल भक्तों के आने पर रोक

उत्तराखंड में मंगलवार सुबह सवा 4 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए. कोरोना की वजह से मंदिर के पुजारियों ने ही पूजा-पाठ की. ये लगातार दूसरा साल रहा जब भक्तों के आने पर रोक है. इससे पहले तीनों धामों के कपाट खोले जा चुके हैं.

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मंदिर को 8 क्विंटल गेंदे के फूल से सजाया गया था (फोटो-ANI) मंदिर को 8 क्विंटल गेंदे के फूल से सजाया गया था (फोटो-ANI)

प्रवीण सेमवाल

  • रुद्रप्रयाग,
  • 18 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
  • तड़के सवा 4 बजे खुले कपाट
  • मंदिर के पुजारी ही हुए शामिल
  • बाकी तीनों धाम पहले ही खुले

उत्तराखंड में मंगलवार सुबह बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए. इसके साथ ही उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट अब खुल गए हैं. हालांकि, कोरोना संक्रमण की वजह से आम श्रद्धालुओं के आने पर मनाही है. ये लगातार दूसरा रहा जब भक्तों के आने पर रोक है. पिछले साल भी कोरोना की वजह से भक्तों की एंट्री पर रोक लगा दी थी. आज भी सिर्फ मंदिर के पुजारियों ने ही पूजा-पाठ की.

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बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य पुरोहित ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने मंगलवार तड़के 4 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के कपाट खोले. हालांकि, कोरोना संक्रमण की वजह से सीमित संख्या में ही लोग शामिल हुए, जिनमें मंदिर के पुरोहित-पुजारियों के अलावा धर्माधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी थे. 

अगर अभी कोरोना नहीं होता तो मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती. ये लगातार दूसरा साल रहा जब इतनी कम संख्या में मंदिर के कपाट खोले गए. इस दौरान मंदिर को करीबब 8 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था. बद्रीनाथ धाम के खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड स्थित सभी चारों धामों के कपाट खुल गए हैं.

उत्तराखंडः गंगोत्री धाम के कपाट खुले, कोरोना की वजह से सिर्फ पुजारियों ने ही की पूजा-पाठ

बद्रीनाथ के कपाट खुलने के अलावा मंगलवार को ही भैरवनाथ के कपाट भी खुल गए. भैरवनाथ का मंदिर केदारनाथ से तीन किलोमीटर दूर पड़ता है और केदरनाथ के कपाट खुलने के बाद भैरवनाथ के कपाट खोले जाते हैं. भैरवनाथ को केदारनाथ का क्षेत्र रक्षक कहा जाता है. भैरव नाथ के कपाट खुलने के बाद आज से शुरू होंगी केदारनाथ की आरती. जब तक भैरवनाथ के कपाट न खुले तब तक नहीं होती है केदारनाथ की आरती.

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17 मई को केदारनाथ के कपाट खुले थे. वहीं, 15 मई को गंगोत्री और 14 मई को यमुनोत्री के कपाट खोले गए थे. हालांकि, यहां भी संक्रमण की वजह से आम यात्रियों के आने पर मनाही है. उम्मीद है कि संक्रमण कम होने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर आने की अनुमति मिल जाएगी.

उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चार धाम हैं. ये धाम साल के 6 महीने खुले रहते हैं. बाद में बारिश और बर्फबारी की वजह से इन्हें नवंबर के आसपास बंद कर दिया जाता है. 

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ ही रही है. सोमवार को यहां 3,719 नए संक्रमित मिले और 136 मरीजों की मौत हो गई. अब तक राज्य में 2,91,005 मामले सामने आ चुके हैं और 5,034 लोगों की जान जा चुकी है. फिलहाल राज्य में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 78,608 है. 

 

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