उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्वामीनारायण घाट पर आज तक के धर्म संसद का मंच सजा. धर्म संसद के 'धर्म क्षेत्र का अर्थशास्त्र' सेशन में हेरिटेज एविएशन के संस्थापक रोहित माथुर ने कहा कि पूरे गढ़वाल की अर्थव्यवस्था में चार धाम यात्रा का बड़ा रोल है. उन्होंने कहा कि पिछले 16 साल से हेलिकॉप्टर ऑपरेट कर रहा हूं. पैसे वाले टूरिस्ट का आना भी बढ़ा है. कम से कम 10 हजार रूम बढ़े हैं पूरे गढ़वाल रीजन में. इनमें फाइव स्टार से लेकर छोटे-छोटे लॉज तक शामिल हैं. लोगों ने उत्तराखंड सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर लोन लिया और अपनी जमीन पर चार-छह कमरे बना दिए जो हर मौसम में फुल रह रहे हैं.
बाहर के लोगों के जमीन खरीदने पर रोक को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लोग जमीन खरीद रहे थे, जिनको प्लॉटिंग करके बेचना था. सरकार ने जो कदम उठाया है, वह दुरुपयोग रोकने के लिए है. सरकार ने ऑनलाइन प्रॉसेस बनाया है जिस पर आप जमीन चिह्नित करके आवेदन करिए. एक-दो महीने में वह हो जाएगा. होटल में कमरों और हेलिकॉप्टर का किराया बहुत महंगा हो जाने को लेकर सवाल पर रोहित माथुर ने कहा कि यह यात्रा 90 दिन की होती है. होटल बनाने और चलाने में काफी खर्च आता है. इसी 90 दिन में कर्मचारियों के खर्च से लेकर अपने निवेश पर रिटर्न तक निकालना होता है. इस वजह से खर्च बढ़ रहा है.
नियमों को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर सर्विस पूरे देश में उतनी नहीं है, जितनी उत्तराखंड में है. जो इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तराखंड में है, वह किसी दूसरे राज्य में नहीं है. सरकार हमसे रॉयल्टी चार्ज करती है लेकिन बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध करा रही है. जहां मॉस यूज है, वहां का किराया आज भी 6200 रुपये है. हर कैटेगरी के उपभोक्ता भी आ रहे हैं और हर कैटेगरी की सेवाएं भी उपलब्ध हैं. यहां के टूरिज्म में एक ट्रेंड देखा है. जो टूरिस्ट आता था गढ़वाल में, वह केवल चार धाम के लिए आता था. ऋषिकेश में 12 महीने टूरिस्ट रहते थे. उत्तराखंड में कोई ब्रांडेड होटल चेन नहीं थी. बड़े ग्रुप्स आ रहे हैं. कोई भी लंबा वीकेंड हो, फ्लाइट के टिकट महंगे हो जाते हैं. डिमांड बढ़ जाती है तो कीमतें बढ़ जाती हैं, कम हों तो कीमतें कम हो जाती हैं.
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रोहित माथुर ने कहा कि हर टूरिस्ट प्लेस का एक सीजन होता है. एक पीक सीजन और नॉन पीक सीजन होता है. केदार वैली में आज से 10 साल पहले तक चार धाम यात्रा के अलावा कोई टूरिस्ट नहीं आता था. आज सर्दियों में भी टूरिस्ट पहुंच रहे हैं. चोप्ता भरा रहता है टूरिस्ट से. जो केवल चार धाम के सीजन में चलते थे टूरिस्ट प्लेस, वह पूरे साल चल रहे हैं. सरकार समय समय पर इंडस्ट्री के साथ बातचीत करती है और उसके सुझाव पर काम करती है. पहाड़ पर क्या रिवर्स पलायन किया जा सकता है, खाली हो चुके गांव भरे जा सकते हैं. मुझे लगता है कि आज सही समय है कि बाहर रह रहे युवाओं को अपने गांव वापस आकर ग्रामीण टूरिज्म पर काम करना चाहिए.
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फेक वेबसाइट्स के जरिये बुकिंग किए जाने को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बड़ी चुनौती है. मेरा सुझाव ये है कि सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर कोई भी बुकिंग ना करें. बैंक अकाउंट की पूरी डिटेल लें, फोन करके कंफर्म करें. कंपनी की वेबसाइट सर्च करके क्लैरिफिकेशन लें. बिना इसके कोई पेमेंट ना करें. पहलगाम की घटना को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि आज ही खबर पढ़ रहा था कि पहलगाम में घटना के पांच दिन हुए और टूरिस्ट आ गए. ऐसी घटनाओं से रुकावट नहीं आती. यहां ऐसी कोई बात नहीं है. चार धाम यात्रा की बहुत अच्छी तैयारियां की गई हैं.
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