उत्तराखंड: चमोली पुलिस को बड़ी सफलता, हिमगिरी प्लांटेशन फ्रॉड मामले में फरार आरोपी 25 साल बाद गिरफ्तार

चमोली पुलिस ने हिमगिरी प्लांटेशन फ्रॉड मामले में एक आरोपी को 25 साल बाद गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से हुई है. आरोपी ने एक सहयोगी के साथ मिलकर लाखों रुपये की ठगी की थी.

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फ्रॉड का आरोपी 25 साल बाद गिरफ्तार. (Photo: Representational ) फ्रॉड का आरोपी 25 साल बाद गिरफ्तार. (Photo: Representational )

aajtak.in

  • चमोली,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

उत्तराखंड के चमोली में पुलिस ने सोमवार को हिमगिरी प्लांटेशन फ्रॉड केस के एक मुख्य आरोपी को 25 साल बाद गिरफ्तार किया है. एक एजेंसी के मुताबिक चमोली के पुलिस सुपरिटेंडेंट सुरजीत सिंह पंवार ने कहा कि आरोपी रविंद्र मोहन 2001 से फरार था. उसे पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम ने रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से पकड़ा. केस के दूसरे मुख्य आरोपी राकेश मोहन की तलाश अभी भी जारी है.

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पंवार के मुताबिक रवींद्र मोहन और उसके भाई राकेश मोहन के खिलाफ शिव प्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने 2001 में गोपेश्वर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि दोनों भाइयों ने 1993 में 'हिमगिरी प्लांटेशन' नाम की एक कंपनी बनाई थी. उन्होंने इन्वेस्टर्स को कम समय में उनके पैसे डबल करने समेत आकर्षक रिटर्न का वादा किया था, जो आखिर में एक फ्रॉड स्कीम निकली.

यह भी पढ़ें: जूनागढ़ में 253 करोड़ के साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, ऑपरेशन 'म्यूल हंट' के तहत बड़ी कार्रवाई

2001 में दोनों आरोपी लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के बाद फरार हो गए. शिकायत के आधार पर इंडियन पीनल कोड की धारा 406 (क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से प्रॉपर्टी की डिलीवरी के लिए मजबूर करना) के तहत केस दर्ज किया गया था.

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बाद में दोनों आरोपियों को 'भगोड़ा' घोषित कर दिया गया और चमोली के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए. कई कोशिशों के बावजूद आरोपी तब तक फरार रहा जब तक कि हाल ही में एक टिप-ऑफ से पता नहीं चला कि रवींद्र मोहन अपने इलाके में एक प्राइवेट इवेंट में शामिल होने वाला है.

इस जानकारी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जाल बिछाया और उसे सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद रवींद्र मोहन को कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया. पंवार ने बताया कि बाकी भगोड़े राकेश मोहन को पकड़ने के लिए एक सर्च अभियान चलाया जा रहा है. 

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