किसी की दो-दो जगह तैनाती तो किसी पर 'कृपा', क्या है UP में तबादलों का पूरा खेल?

उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के तबादले में हुई गड़बड़ियों के बाद अब लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के तबादले में भी गड़बड़ी सामने आई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच बिठा दी है. आइए जानते हैं कि तबादलों का खेल क्या है?

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबादलों पर जांच बैठा दी है (फोटो-PTI) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबादलों पर जांच बैठा दी है (फोटो-PTI)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST
  • स्वास्थ्य और PWD महकमे के तबादलों पर विवाद
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठा दी है जांच

उत्तर प्रदेश में विभागों के तबादलों पर सवाल उठने लगे हैं. डॉक्टरों के तबादले में हुई गड़बड़ियों के बाद अब लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के तबादले में भी गड़बड़ी सामने आई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच बिठा दी है. उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की टीम बनाकर जांच रिपोर्ट तलब की है.

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी, लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों की जांच कर रिपोर्ट देंगे. सीएम योगी ने यह रिपोर्ट एक दिन में मांगी है. लोक निर्माण विभाग के तबादलों में काफी गड़बड़ियां सामने आई है. कुछ ऐसे अभियंता भी थे, जिनका तबादला दो जगह कर दिया गया.

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कई इंजीनियर पर बनी है कृपा

वही ऐसी शिकायत है कि कई अभियंता ऐसे हैं जो अरसे से लखनऊ में तैनात हैं, पर उनका तबादला नहीं किया गया है. जब यह बात शासन तक गई, तब मामले की जांच को लेकर टीम गठित कर दी गई और जांच चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग में मृत अभियंता की भी तैनाती कर दी गई थी, बाद में विभाग ने अपनी गलती सही की.

350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला

लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ है. पीडब्ल्यूडी के करीब 200 अधिशासी अभियंताओं और डेढ़ सौ से अधिक सहायक अभियंताओं का तबादला किया गया है. ज्यादातर शिकायतें इनकी तैनाती की की गई है. लोक निर्माण विभाग की तरह स्वास्थ्य महकमे में भी तबादलों पर विवाद है.

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डॉक्टरों के तबादले की भी हो रही है जांच

पीएमएस संघ के महामंत्री डॉक्टर अमित सिंह ने पूरी लिस्ट तैयार की, जहां-जहां गड़बड़ियां हुई है. इस लिस्ट को लेकर वह  कल  उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से भी मिले. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है. स्थानांतरण में गड़बड़ियां साफ नजर आती है.

कहीं दो-दो जगह एक डॉक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया तो कहीं मृत डॉक्टर की तैनाती कर दी गई. दिव्यांग डॉक्टरों का ट्रांसफर कर दिया गया, जो परिवारिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. यही नहीं जिनके रिटायरमेंट में केवल एक साल रह गए थे, उन्हें भी दूर के जिलों में भेज दिया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ ने इस पर भी जांच बैठा दी है.

डॉक्टरों का हुआ तबादला, लेकिन नई तैनाती नहीं

डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि हम अपने कैडर को न्याय दिलवाना चाहते हैं, जिन जिलों में ट्रांसफर किए गए हैं और वहां अभी तक कोई डॉक्टर नहीं आए हैं, जिसके चलते अस्पतालों की व्यवस्था ध्वस्त हो रही है. जांच टीम में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसारेड्डी शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग में करीब 2000 के ऊपर डॉक्टरों के ट्रांसफर हुए हैं, जिनमें 1000 से ज्यादा ट्रांसफर विवादित हैं. बड़ी संख्या में हुए ट्रांसफर में कई दिव्यांग डॉक्टरों को भी नहीं बख्शा गया. हाल यह है की अब जिलों के अस्पतालों में दिक्कतें आने लगी हैं क्योंकि कई जगह से डॉक्टर ट्रांसफर तो हुए पर अस्पताल में तैनाती नहीं हुई.

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कैंसर पीड़ित डॉक्टर का भी तबादला

ठीक ऐसा ही हाल लखनऊ के सबसे पॉश इलाके हजरतगंज में बने झलकारी बाई अस्पताल का है. यहां एनेथिसिया के तीन डॉक्टर थे, जिनमें से एक डॉक्टर निवेदिता कर दिव्यांग हैं और कैंसर से पीड़ित हैं, उनका ट्रांसफर तो किया ही गया लेकिन उनकी जगह किसी और डॉक्टर को तैनाती नहीं दी गई.

 

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