22 महीने साइड पोस्टिंग में ही गुजारेंगे मुकुल गोयल? CM योगी के एक्शन से करिअर पर ग्रहण!

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से हटाए गए मुकुल गोयल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक्शन भारी पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि क्या सरकार की तरफ से बताई गई यह तीन वजहें उनके करिअर पर भी कोई असर डालेंगी ?

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पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल (फाइल फोटो) पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल (फाइल फोटो)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 13 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST
  • मुकुल गोयल के केंद्र में जाने का रास्ता हो सकता है टेढ़ा
  • अभी रिटायरमेंट में बचे हैं करीब 22 महीने

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से हटाए गए मुकुल गोयल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना भी अब आसान नहीं होगा. दरअसल, डीजीपी के पद से हटाए जाने के पीछे सरकार ने जो वजह बताई वह ही मुकुल गोयल के केंद्र में जाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकती हैं. कैसे मुकुल गोयल के हटाए जाने के लिए सरकार की तरफ से बताई गई वजह बनेंगी मुश्किले और बाकी बचे डेढ़ साल के करिअर पर लगेगा ग्रहण? आइए समझते हैं-

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1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाते हुए सरकार ने 3 वजह बताई. पहला शासकीय कार्यों की अवहेलना, दूसरा विभागीय कार्य में रुचि नहीं लेना और तीसरा अकर्मण्यता. मुकुल गोयल को सरकार ने जब से इन 3 कारणों को बताते हुए डीजीपी के पद से हटाया है तब से चर्चा आम हो चली है कि अब मुकुल गोयल का आगे क्या होगा?

क्या सरकार की तरफ से बताई गई यह तीन वजहें उनके करिअर पर भी कोई असर डालेंगी या फिर सरकार ने सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए यह कारण बताए? 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को सरकार ने डीजे सिविल डिफेंस बनाया है. मुकुल गोयल ने नए विभाग का पदभार भी ग्रहण कर लिया है. फरवरी 2024 में मुकुल गोयल का रिटायरमेंट होंगे.

मामला सरकार से जुड़ा है लिहाजा नाम न छापने की शर्त पर उत्तर प्रदेश में डीजीपी की कमान संभाल चुके एक रिटायर्ड अफसर ने साफ़ कहा कि यह 3 वजह मुकुल गोयल के करिअर के लिए ग्रहण बन सकती हैं, उनके केंद्र में वापसी की राह का भी रोड़ा बन सकती हैय इस जानकार अफ़सर की मानें तो सरकार ने अगर यह 3 वजह सार्वजनिक की है तो जाहिर है कि इसके बाद मुकुल गोयल से जवाब तलब होगा.

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जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं हुई तो ये कारण उनकी सर्विस बुक यानी ACR (Annual Character Role) में लिख दी जाएंगी. बता दे कि डीजी रैंक का ACR जिसके आधार पर अफसर के साल भर के कामकाज का मूल्यांकन होता है, उसे चीफ सेक्रेटरी लिखते हैं और मुख्यमंत्री उसका अनुमोदन करते हैं. ऐसे में मुकुल गोयल के एसीआर में यह सब बातें भी लिख दी जाएगी जिसको bad entry माना जाएगा.

डीजीपी बनने के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे मुकुल गोयल के लिए अब केंद्र में वापसी की राह भी आसान नहीं रह जाएगी. बता दे एसपी से लेकर एडीजी रैंक के अधिकारी की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद दोबारा वापसी 3 साल बाद ही हो सकती है. 3 साल तक उस अफसर को अपने मूल कैडर में तैनात रहना पड़ता है जिसे cooling period कहते हैं,

लेकिन डीजी रैंक के अधिकारी के लिए यह नियम नहीं है वह कभी भी केंद्र में वापसी कर सकता है. ऐसे में डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद मुकुल गोयल के सामने केंद्र में वापसी का रास्ता खुल गया है, लेकिन अगर सरकार ने उ को हटाए जाने की वजह उनकी सर्विस बुक में लिख दी तो मुकुल गोयल का केंद्र में जाना भी खटाई में पड़ सकता है. ऐसे में मुकुल गोयल को अपनी नौकरी के बाकी बचे 21 महीने 21 दिन का कार्यकाल सिविल डिफेंस जैसी साइड पोस्टिंग में ही गुजारना होगा.

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