जयंती बाबासाहेब की, नजर दलित एजेंडे पर, UP में मिशन 2024 की जमीन तैयार करने में जुटी BJP

डॉ. भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर यूपी में योगी सरकार ने प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित किए. माना जा रहा है कि अब भाजपा की मिशन 2024 के लिए दलित एजेंडे पर नजर है. 2022 के चुनाव में बड़ी संख्या में दलित वोटर्स ने भाजपा की तरफ रुख किया है.

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CM योगी ने अंबेडकर जयंती पर आयोजित तीन कार्यक्रमों में की शिरकत CM योगी ने अंबेडकर जयंती पर आयोजित तीन कार्यक्रमों में की शिरकत

शिल्पी सेन

  • लखनऊ,
  • 14 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST
  • अंबेडकर जयंती पर सरकार और संगठन के प्रदेशभर में कार्यक्रम
  • योगी सरकार के मंत्री और MLA की लगाई गई थी स्पेशल ड्यूटी
  • CM योगी बोले- बाबासाहेब का सपना सिर्फ बीजेपी पूरा कर रही

डॉ. भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर यूं तो देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए, मगर यूपी में इस बार अलग ही माहौल देखने को मिला. यहां बंपर जीत के साथ दोबारा सरकार बनाने वाली बीजेपी ने इस बार खास तैयारी की थी. पार्टी ने ना सिर्फ अपने हर पदाधिकारी की जिलों में ड्यूटी लगाई, बल्कि सांसद, केंद्रीय मंत्री और योगी सरकार के मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए तीन कार्यक्रमों में शिरकत की.  इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि वंचित वर्ग के लिए उनकी सरकार ने क्या-क्या काम किए हैं.

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बीजेपी ने सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई जयंती

दरअसल, बीजेपी ने डॉ. अंबेडकर जयंती मनाने के लिए कार्यक्रमों की लंबी सूची तैयार की थी. प्रदेशभर में इस दिन को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाया गया. ये कार्यक्रम पूरे पखवाड़े आयोजित किए गए. 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस से ‘सेवा सप्ताह’ शुरू किया गया था और ये 14 अप्रैल तक मनाया गया. खास बात ये है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जहां इन कार्यक्रमों में सक्रिय नजर आ रहे हैं, वहीं यूपी बीजेपी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. बीजेपी नेताओं ने दलित बस्तियों में जाकर सरकार की योजनाओं से होने वाले लाभ की जानकारी दी.

अंबेडकर महासभा में ‘बुल्डोजर बाबा की जय’ के नारे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. उसके बाद वे अंबेडकर महासभा के कार्यक्रम में शामिल पहुंचे. बता दें कि अंबेडकर महासभा में ही 2018 में योगी आदित्यनाथ को ‘दलित मित्र’ की उपाधि दी गई थी. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, यूपी सरकार के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष/ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जय वीर सिंह और असीम अरुण भी मौजूद रहे. यहां उत्साहित लोगों ने ‘बुलडोजर बाबा की जय’ के नारे भी लगाए. सीएम ने बाबासाहेब को नमन किया और कहा कि अगला कार्यक्रम उस भव्य स्मारक में होगा, जो बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस स्मारक का निर्माण यूपी सरकार करवा रही है जिसमें ऑडिटोरियम के अलावा शोध केंद्र और भव्य पुस्तकालय जैसी सुविधाएं भी होंगी.

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सिर्फ बीजेपी सरकार में वंचित वर्ग का विकास

कार्यक्रम में सीएम योगी ने जहां प्रधानमंत्री आवास, शौचालय निर्माण जैसी केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे बताया. इसके साथ ही अपनी सरकार का विजन भी बताया. योगी ने कहा कि वंचित वर्ग का साथ सिर्फ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने किया. अंबेडकर महासभा में ही बाबासाहेब का अस्थि कलश रखा है, जिसे 1991 में उनकी पत्नी डॉ. सविता अंबेडकर ने अंबेडकर महासभा को सौंपा था.

मिशन 2024 के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश

बताते चलें कि विधानसभा चुनाव 2022 में एक बात लगभग साफ हो गई कि बसपा प्रमुख मायावती के राजनीतिक रूप से हाशिए पर जाने से दलित वर्ग एक विकल्प की तलाश में है. इस तलाश को बीजेपी में पूरा होते हुए देखा जा सकता है. खास तौर पर ‘गैर जाटव दलित’ को बीजेपी ने बाकायदा अपने पाले में करने की रणनीति बनाई. इसमें एक बात ये भी थी कि वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए उनके जीवन स्तर को उठाने में वो योजनाएं मददगार साबित हुईं, जिनसे बड़ी संख्या में इस वर्ग को लाभ मिला है. यानि शौचालय, आवास, गैस कनेक्शन और फ्री राशन जैसी योजनाओं का सीधा असर पड़ा.

विधानसभा चुनाव के बाद हुए विश्लेषण और वोटिंग पैटर्न (voting pattern) पर अगर ध्यान दें तो ये साफ है कि बीजेपी की जीत की एक बड़ी वजह लाभार्थियों (beneficiaries) का वोट है और सामाजिक और जातिगत आंकड़ों के अध्ययन से साफ है कि लाभार्थियों में बड़ी संख्या दलित वर्ग की है. जाहिर है साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की नजर दलितों पर होगी. सरकारी योजनाओं के साथ ही दलित महापुरुषों की जयंती के मौके पर कार्यक्रमों के जरिए बीजेपी दलितों में ज्यादा से ज्यादा पैठ बननें में जुटी हुई है. अंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों को भव्य बनाने के लिए बीजेपी की पूरी मशीनरी जुटी थी.

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दलित वर्ग की पसंद बनने लगी बीजेपी?

वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल मानते हैं कि ‘मायावती ने दलितों को आइडेंटिटी क्राइसिस से बाहर तो निकाला, मगर अब बीजेपी दलितों के लिए एकमात्र विकल्प है. पार्टी के बारे में दलित वर्ग के फीडबैक ने काम किया। जैसे बीजेपी में सम्मान भी मिल रहा, दलित भाजपा में पदाधिकारी भी बन रहे. पार्टी ठीक से एससी /एसटी एक्ट को लागू भी कर रही. इससे इतर देखा जाए तो समाजवादी पार्टी पहले से दलितों की स्वाभाविक पसंद नहीं थी. ऐसे में इस वर्ग का वोटर बीजेपी की ओर मुड़ गया.’ 

मायावती का ट्वीट- BSP मूवमेंट रुकने-झुकने वाला नहीं

अंबेडकर जयंती पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने बाबासाहेब को नमन किया तो ट्वीट कर इशारों में बीजेपी पर हमला भी किया. मायावती ने लिखा ‘जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों और उनकी सरकारें बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के संघर्षों और आदर्शों की कितनी भी अवहेलना करके उनके अनुयायियों पर शोषण, अन्याय, अत्याचार और द्वेष जारी रखें, किंतु उनके आत्मसम्मान और स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेंट रुकने और झुकने वाला नहीं.’ जाहिर है आने वाले दिनों को देखते हुए मायावती को इस चुनौती का आभास है कि उनके वोट बैंक पर बीजेपी सेंध लगा रही है और इस कोशिश का जवाब बसपा को तलाशना होगा.

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