Prayagraj: श्मशान घाट की बजाय सड़कों पर हो रहा अंतिम संस्कार, गंगा-यमुना में आई बाढ़ ने मचाई तबाही

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना में आई बाढ़ से तबाही मची हुई है. लोगों के घरों तक में पानी घुस गया है. कई इलाकों में लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं. बाढ़ से श्मशान घाट तक डूब गए हैं. इस वजह से शवों का सड़कों पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.

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सड़कों पर किया जा रहा है अंतिम संस्कार. सड़कों पर किया जा रहा है अंतिम संस्कार.

समर्थ श्रीवास्तव / पंकज श्रीवास्तव

  • लखनऊ/प्रयागराज,
  • 21 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

गंगा यमुना में आई बाढ़ की वजह से प्रयागराज में मुसाबत पैदा होने लगी है. श्मशान घाट तक पानी में डूब गए हैं. ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं बची है. मजबूर होकर लोगों को अंतिम संस्कार सड़कों पर करना पड़ रहा है. शहरी इलाकों तक बाढ़ का असर देखा जा रहा है. पानी का बहाव इतना तेज है कि नाव भी नहीं चल पा रही हैं. कोविड से हुई मौतों के बाद फाफामऊ घाट पर शव दफन किए गए थे, वह घाट भी पानी में पूरी तरह डूबा हुआ है.  घरों में घुसा बाढ़ का पानी, डूब गई पुलिस चौकी, सड़कों पर चल रही नाव...

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प्रयागराज में आई बाढ़ निचले इलाकों में रहने वालों के लिए मुसीबत बन गई है. गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से दारागंज इलाके में घरों और दुकानों में पानी घुस गया है.

बाढ़ पुलिस चौकी पानी में डूब गई है. छतों पर लोग रहने को मजबूर हैं. लोगों को कमर तक पानी से घुसकर निकलना पड़ रहा है. जिन सड़कों पर गाड़ियां दौड़ती थीं, आज वहां नाव चल रही हैं. हर घंटे दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है.

प्रयागराज के दारागंज इलाके में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. पुलिस चौकी, घर, दुकानें सब बाढ़ में डूब गए हैं. जिस तरह से दोनों नदियों का पानी बढ़ रहा है, उससे परेशानी और बढ़ सकती है.

बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए किए जा रहे प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं. कुछ स्थानीय समाजसेवी अब परेशान लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. बता दें कि तमाम लोग ऐसे हैं, बाढ़ में जिनका काफी नुकसान हुआ है.

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