माफिया मुख्तार अंसारी के काले साम्राज्य के अंत का समय आ गया: सीएम योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है. जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST
  • मुख्तार अंसारी से जुड़ी दो मंजिला बनी इमारत गिराई गई
  • उत्तर प्रदेश में कानून का शासन: सीएम योगी आदित्यनाथ
  • राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ प्रतिबद्ध: सीएम योगी

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और अब्बास की बिल्डिंग लखनऊ प्रशासन और लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलडीए) ने गिरा दी है. इस कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है.

दरअसल, लखनऊ प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन के करीब 200 कर्मियों ने मुख्तार अंसारी से जुड़ी दो मंजिला बनी बिल्डिंग को गिरा दिया है. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है. यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक और अराजक जैसे शब्द नहीं हैं.

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योगी आदित्यनाथ कार्यालय के ट्विटर अकाउंट से कहा गया, 'मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है. जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी. माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है.'

इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अब तक इसकी 66 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है. 41 करोड़ रुपये की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है. इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं. कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.'

अवैध इमारत

बता दें कि लखनऊ के जियामऊ इलाके में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और अब्बास की दो मंजिला इमारत बनी हुई थी. वहीं आरोप है कि यह इमारत तकरीबन 8000 स्क्वॉयर फुट में अवैध तरीके से बनाई गई थी. एलडीए वीसी शिवाकांत ओझा का कहना है कि ये शत्रु/निष्करांत संपत्ति थी और जिसका मुकदमा एलडीए में चल रहा था.

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