'आम के आम गुठलियों के दाम'... यह कहावत कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर सटीक बैठती है. पीयूष जैन इस समय जेल में बंद है और उसके घर से बरामद हुए 197 करोड़ रुपये बैंक में जमा है. उन पर डीजीजीआई का केस चल रहा है. पीयूष जैन के घर से बरामद पैसा हर घंटे 7421 रुपये के हिसाब से लगातार बढ़ता जा रहा है.
दरअसल, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां डीजीजीआई अहमदाबाद ने 23 दिसंबर को छापा डाला था. उसके कानपुर और कन्नौज के घर से डीजीजीआई ने 197 करोड़ बरामद किए थे. इन पैसों को डीजीजीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में जमा कराया था. ये पूरी रकम 95 बड़े-बड़े बक्सों में जमा कराई गई थी.
डीजीजीआई के वकील अम्ब्रीश जैन का कहना है कि पीयूष जैन के घर से बरामद पैसे का हमने भारत सरकार के नाम से एफडी करा दी है, इस एफडी पर 3.3 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है, जिसके अनुसार जमा रकम में प्रति घंटे के हिसाब से 7421 रुपये का ब्याज मिल रहा है लेकिन ये रकम केस प्रॉपर्टी मानी जायेगी.
यानी साफ़ है कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन भले जेल में रहकर अपना धंधा नहीं कर पा रहा है, लेकिन उसके घर से बरामद पैसे लगातार बढ़ते जा रेह हैं. अब देखने वाली बात ये होगी अदालत जब तक इस रकम का मालिकाना हक़ तय करेगी तो 197 करोड़ पर मिल रहा यह ब्याज किसके हिस्से में जाएगा?
इस बीच पीयूष जैन के बेटे प्रत्युष जैन ने अपने पिता की जमानत अर्जी लगाई है. इस पर डीजीजीआई के वकील ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा है. इस जमानत अर्जी पर अब 4 मार्च को सुनवाई होगी, लेकिन पीयूष जैन के घर से बरामद 197 करोड़ रुपये पर हर घंटे का मिल रहा ब्याज चर्चा का विषय बना हुआ है.
रंजय सिंह