दयाशंकर सिंह बने योगी सरकार में मंत्री, बलिया सीट पर पूर्व मंत्री नारद राय को दी थी मात

योगी सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल में शामिल हुए दयाशंकर सिंह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. दयाशंकर सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत अपने मामा के साथ की थी. साल 2012 में बलिया से भाजपा ने टिकट दिया था, लेकिन चुनाव हार गए थे. इसके बाद भी राजनीतिक जीवन में कोई रुकावट नहीं आई.

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बलिया नगर सीट से सपा के पूर्व मंत्री नारद राय को हराकर जीते दयाशंकर योगी के मंत्रिमंडल में हुए शामिल. बलिया नगर सीट से सपा के पूर्व मंत्री नारद राय को हराकर जीते दयाशंकर योगी के मंत्रिमंडल में हुए शामिल.

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST
  • दयाशंकर सिंह ने बलिया में नारद राय को हराया
  • मामा के साथ रहकर राजनीति में उतरे थे दयाशंकर सिंह

योगी सरकार (Yogi Govt 2.0) के मंत्रिमंडल में शामिल हुए दयाशंकर सिंह बिहार के बक्सर जिले के छोटका राजपुर के रहने वाले हैं. दयाशंकर सिंह ने बलिया नगर सीट से सपा के पूर्व मंत्री नारद राय को हराया है. दयाशंकर सिंह का बचपन बलिया में ही अपने मामा के घर बीता  बैरिया विधानसभा से विधायक रहे उनके मामा मैनेजर सिंह के साथ दयाशंकर सिंह ने राजनीति के ककहरा सीखा है.

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दयाशंकर सिंह ने बलिया में 12वीं तक पढ़ाई की, उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. 27 जून 1972 को जन्मे दयाशंकर सिंह ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरूआत छात्र राजनीति से की थी. लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने कॉलेज के दिनों में वे आरएसएस के छात्र विंग एबीवीपी के सदस्य थे. 

दयाशंकर सिंह पूर्व में योगी सरकार में मंत्री रहीं स्वाति सिंह के पति हैं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह महिला और बाल विकास मंत्री थीं. इससे पहले लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर टिकट को लेकर दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह दोनों ही दावा ठोक रहे थे, लेकिन बीजेपी ने यहां से दोनों का ही पत्ता काट दिया था.

2007 में भी लड़ा था बलिया नगर सीट से चुनाव
साल 2000 में दयाशंकर सिंह को भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश का सचिव बनाया गया. इसके बाद भाजयुमो में कई पदों पर रहने के बाद 2007 में दयाशंकर को भाजयुमो उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया. साल 2007 में ही दयाशंकर ने पहली बार बलिया नगर सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उनको करारी हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में दयाशंकर सिंह की जमानत जब्त हो गई. उनको 7 हजार वोट भी नहीं मिले थे. इन झटकों के बाद भी दयाशंकर सिंह का राजनीतिक करियर आगे बढ़ता रहा.

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मायावती पर टिप्पणी के बाद चर्चा में आए थे दयाशंकर सिंह
दयाशंकर सिंह धीरे धीरे पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में पहुंच गए. इसके बाद साल 2010 और 2012 में  उनको उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश मंत्री बनाया गया.  साल 2015 में दयाशंकर सिंह को उत्तर प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई.  मार्च 2016 में यूपी में विधान परिषद के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. जुलाई 2016 में मायावती पर अभ्रद टिप्पणी के बाद दयाशंकर सिंह चर्चा में आए थे. 

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