उन्नाव रेप: चीफ जस्टिस ने पूछा, पीड़िता के चाचा जेल में क्यों हैं?

उन्नाव रेप केस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी केसों को दिल्ली में ट्रांसफर करने के साथ ही नीचली अदालत को 45 दिनों के अंदर ट्रायल पूरा करना का आदेश दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद और सभी पीड़ितों को सीआरपीएफ सुरक्षा देने का निर्देश जारी किया है.

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देशभर में उन्नाव मामले पर हो रहा प्रदर्शन (तस्वीर-आईएएनएस) देशभर में उन्नाव मामले पर हो रहा प्रदर्शन (तस्वीर-आईएएनएस)

aajtak.in

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  • 01 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

उन्नाव रेप मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सवाल किया कि पीड़िता के चाचा जेल में क्यों हैं? इस पर पीड़िता के वकील ने कहा कि उन्हें 2001 में दर्ज एक प्राथमिकी में दोषी ठहराया गया था. इसी साल जुलाई में उन्हें कोर्ट ने दोषी पाया था. उनकी अपील लंबित है और वह रायबरेली जेल में है.

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इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़िता के चाचा के मामले में रिपोर्ट तलब की है. साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से शिफ्ट करने की आवश्यकता है?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सभी केसों को दिल्ली में ट्रांसफर करने के साथ ही नीचली अदालत को 45 दिनों के अंदर ट्रायल पूरा करना का आदेश दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद और सभी पीड़ितों को सीआरपीएफ सुरक्षा देने का निर्देश जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए.

उन्नाव रेप और पीड़िता के साथ एक्सीडेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज दो बार सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे.

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