सितंबर में होगा टैल्गो ट्रेन का आखिरी ट्रायल, मौसम विभाग की मदद लेगा रेल मंत्रालय

1 अगस्त से 12 अगस्त तक दिल्ली और मुंबई के बीच टैल्गो के चार ट्रायल हुए, लेकिन इन सभी ट्रायलों के दौरान रास्ते में झमाझम बारिश रही और सूरत के आगे एक बार ट्रैक बह जाने की वजह से ट्रायल के दौरान ट्रेन मुंबई तक भी नहीं पहुंची. ऐसे में टैल्गो ट्रेन को सितंबर के पहले पखवाड़े में किसी ऐसे दिन चलाकर देखा जाएगा, जब इस ट्रेन रूट पर बारिश ना हो रही हो.

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टैल्गो ट्रेन टैल्गो ट्रेन

सिद्धार्थ तिवारी / सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

स्पेनिश ट्रेन टैल्गो को सिंतबर के पहले पखवाड़े में दिल्ली और मुंबई के बीच एक बार फिर से चलाकर ट्रायल किया जाएगा. दिल्ली और मुंबई रूट पर टैल्गो का यह पांचवा और अंतिम ट्रायल होगा. अगस्त में इस ट्रेन के चार ट्रायल हो चुके हैं, लेकिन भारी बारिश के चलते ट्रायल पूरा नहीं हो सका.

अब मौसम विभाग की मदद लेगा रेल मंत्रालय
1 अगस्त से 12 अगस्त तक दिल्ली और मुंबई के बीच टैल्गो के चार ट्रायल हुए , लेकिन इन सभी ट्रायलों के दौरान रास्ते में झमाझम बारिश रही और सूरत के आगे एक बार ट्रैक बह जाने की वजह से ट्रायल के दौरान ट्रेन मुंबई तक भी नहीं पहुंची. ऐसे में टैल्गो ट्रेन को सितंबर के पहले पखवाड़े में किसी ऐसे दिन चलाकर देखा जाएगा, जब इस ट्रेन रूट पर बारिश ना हो रही हो. रेल मंत्रालय इस मामले में मौसम विभाग की भी मदद लेगा.

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11 घंटे से कम समय में दिल्ली-मुंबई की दूरी तय करने की उम्मीद
दरअसल दिल्ली और मुंबई के बीच टैल्गो को 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पर चलाकर देखा गया है. टैल्गो ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर मुंबई-दिल्ली के बीच चलाकर नहीं देखा गया है. टैल्गो का दावा है कि उनके कोचेज की तकनीक ऐसी है कि मौजूदा ट्रैक पर ही उनकी गाड़ी 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकती है, लेकिन इस रफ्तार पर चलाने के लिए रेल पटरी की फेंसिंग जरूरी है. 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए किसी भी तरह के सीआरएस क्लियरेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में इस बात की उम्मीद है कि स्पेनिश ट्रेन दिल्ली और मुंबई के बीच सिंतबर में होने जा रहे ट्रायल के दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ेगी और इन दोनों महानगरों की दूरी 11 घंटे से भी कम समय में पूरा कर लेगी.

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मुंबई और दिल्ली के बीच टाइम ट्रायल में सफल रही टैल्गो
रेल मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी के मुताबिक टैल्गो की ट्रेन मुंबई और दिल्ली के बीच टाइम ट्रायल में सफल रही है. टैल्गो कंपनी के डिब्बों की खासियत ये है कि ये तेज घुमावदार मोड़ों पर भी तेज रफ्तार से चल सकते हैं. दिल्ली और मुंबई के बीच रेलपटरियों पर 795 जगह पर घुमाव हैं, जहां पर ट्रेन की रफ्तार के लिए गति सीमा है. मसलन 1.8 डिग्री के घुमाव की रेल पटरियों पर भारतीय रेलवे की राजधानी एक्सप्रेस को 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के नीचे चलाना पड़ता है, लेकिन टैल्गो की ट्रेन 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इसी तरह इस रूट पर बीसियों ऐसे पुल हैं, जिनपर राजधानी एक्सप्रेस को 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाना पड़ता है. लेकिन टैल्गो के कोचेज हल्के होने की वजह से इन पुलों पर इनके लिए कोई भी रफ्तार सीमा नहीं है. ऐसे में टैल्गो को लेकर रेलवे काफी आश्वस्त नजर आ रही है.

एल्यूमिनियम के बने हैं टैल्गो ट्रेन के डिब्बे
स्पेन की यह ट्रेन 9 कोच वाली है, जिसमे एक कोच जनरेटर, एक डाइनिंग कार के अलावा 5 सामान्य एसी चेयर कार और 2 एसी एक्जिक्यूटिव क्लास कोच है. हर सामान्य कोच में 36 और एक्जिक्यूटिव क्लास कोच में 20 यात्रियों के बैठने की सीट है. टैल्गो डिब्बों में भारतीय रेल के मुकाबले आधे से भी कम चक्के लगे हैं. मसलन एक रेल डिब्बे में आठ चक्के लगाए जाते हैं, लेकिन टैल्गो के प्रति डिब्बे में दो चक्के लगे होते हैं. इसके अलावा टैल्गो के डिब्बे एल्यूमिनियम के बने होने की वजह से भारतीय रेल डिब्बों के 68 टन के वजन के मुकाबले महज 16 टन के ही होते हैं, लेकिन इनकी कीमत की बात करें तो भारतीय रेल डिब्बों के मुकाबले इनकी कीमत तीन गुने से ज्यादा पड़ेगी.

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