हाल ही में अमेरिका में आए तूफान का असर आपकी जेब पर भी पड सकता है. दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अमेरिका में आए तूफानों से तेल के उत्पादन पर पूरी दुनिया में असर पडा है और पेट्रोल कीमतें बढने की एक वजह ये भी है. जेटली का कहना है कि इसका असर जल्द ही खत्म हो जाएगा और कीमतों में आने वाले दिनों में कुछ राहत मिल सकती है.
लेकिन विपक्षी पार्टियों और शिवसेना और जेडीयू जैसे सहयोगी दलों के दबाव के बावजूद अरूण जेटली ने टैक्स कम करके तेल की कीमतों में राहत देने के विचार को खारिज कर दिया.
बता दें कि तमाम विपक्षी पार्टियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी में जो लगातार बढ़ोतरी की है, उसी से तेल की कीमतें लगातार बढ रही हैं. विपक्षी पार्टियों के इस आरोप को लेकर जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार को तमाम योजनाओं को चलाने के लिए रुपये की जरूरत है.
जेटली ने कहा कि सोशल वेलफेयर की तमाम योजनाओं से लेकर राजमार्ग बनाने तक रुपये की जरूरत है और तेल से हुई कमाई को सरकार इसमें इस्तेमाल कर रही है. जेटली ने उल्टा ये सवाल किया कि कांग्रेस और सीपीएम जैसी जो पार्टियां तेल पर केंद्र सरकार के टैक्स पर सवाल उठा रही है वो खुद क्यों नहीं वैट कर करके लोगों को राहत दे देती हैं.
जेटली ने ये भी कहा कि पेट्रोलियम पर केंद्र सरकार जो टैक्स वसूलती है, उसका 42 फीसदी हिस्सा राज्यों को ही दे दिया जाता है इसलिए राज्य अगर चाहें तो अपने स्तर पर भी राहत दे सकते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले तक जब तेल कंपनियां हर 15 दिनों पर तेल की कीमतों में बदलाव करती थीं, तब उन्होंने देखा था कि जिस दिन तेल की कीमतों में कमी होती थीं उसी दिन शाम तक दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य वैट बढा देते थे और कम हुई कीमतों का फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाता था.
हाल में कुछ सब्जियों की कीमतों में तेजी के बारे में भी अरूण जेटली ने कहा कि इस मौसम में फल सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी कोई नई बात नहीं है और ये अभी भी पिछली सरकारों के मुकाबले काफी कम है.
बालकृष्ण