नार्वे बाल शोषणः सरकार ने इंतजार करने का रुख अपनाया

भारत ने नार्वे मामले में रविवार को इंतजार करने का रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कथित बाल प्रताड़ना के मामले में नार्वे दूतावास को जो कुछ उचित लगेगा, वह करेगा.

Advertisement

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2012,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

भारत ने नार्वे मामले में रविवार को इंतजार करने का रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कथित बाल प्रताड़ना के मामले में नार्वे दूतावास को जो कुछ उचित लगेगा, वह करेगा.

हालांकि, यह स्पष्ट कर दिया कि घटना एक प्राइवेट नागरिक और स्थानीय कानून से जुड़ी हुई है. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘यह एक ऐसा मुद्दा है जो सरकार से जुड़ा हुआ नहीं है. यह एक प्राइवेट नागरिक और उस देश के कानून से जुड़ा मामला है.’

Advertisement

आंध्र प्रदेश के सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ चंद्रशेखर वल्लभनेई और उनकी पत्नी अनुपमा को अपने बेटे के साथ बुरा सलूक करने के आपराधिक आरोप में हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में ओस्लो जिला अदालत में तीन दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा.

इस बीच, हैदराबाद से मिली खबर के मुताबिक इस दंपती के परिवार ने रविवार को कहा कि नार्वे में वल्लभनेई और अनुपमा पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.

गौरतलब है कि दंपती पर आरोप लगाया गया है कि सात वर्षीय उनके बेटे ने जब स्कूल बस में अपनी पैंट गीली कर ली और अपने पिता को इस बारे में बताया, तब उसके पिता ने धमकी दी कि यदि उसने दोबारा ऐसा किया तो उसे भारत भेज दिया जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement