नई गाड़ियों में फास्टैग जरूरी, पुरानी गाड़ियों को 4 महीने का समय

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि अब से नए वाहनों में फास्टैग स्टिकर लगाना अनिवार्य होगा.

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि अब से नए वाहनों पर फास्टैग स्टिकर लगाना अनिवार्य होगा. उन्‍होंने बताया कि पुराने वाहन मालिकों को भी अगले चार महीने के अंदर अपने वाहनों पर इस स्टिकर को लगाना होगा. दरअसल, मंगलवार को नितिन गडकरी लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उन्‍होंने ये बात कही.

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इसके साथ ही नितिन गडकरी ने बताया कि 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम हो रहा है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम हो चुका है. इन परियोजाओं में से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है. गडकरी के मुताबिक अगले ढाई साल में इस एक्‍सप्रेसवे के जरिए दिल्ली से मुंबई की यात्रा 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी. यह एक्‍सप्रेसवे अलवर, सवाई माधोपुर, रतलाम, झाबुआ होते हुए जाएगा. उन्होंने सदन को यह भी बताया कि डासना को कानपुर हाईवे और उसके बाद कानपुर को लखनऊ से जोड़ने की योजना पर काम हो रहा है.

नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि बेहतर सड़क और सुखद सफर के लिए, हमें टोल का भुगतान करना होगा. मंत्रालय विभिन्न राजस्व मॉडल पर काम कर रहा है, इसके लिए फंड की जरूरत है. फंड जुटाने के लिए टोल एक महत्वपूर्ण जरिया है, लेकिन हम टोल में ठहराव के समय को कम करने के लिए काम कर रहे हैं.

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नितिन गडकरी ने कहा कि हमने देश भर में 786 ब्लैक स्पॉट की पहचान की है. जिसमे 350 से अधिक स्पॉट पर कई समस्‍याएं हैं. उन्होंने इसके साथ ही यह भी बताया कि देश 25 लाख योग्य ड्राइवरों की कमी का सामना कर रहा है.  

गडकरी ने सांसदों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम एक प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए कहा. इसके जरिए हर संसदीय क्षेत्रों में रोज़गार पैदा हो सकेगा. मोटर वाहन संशोधन विधेयक को पारित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा कि हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं. ऐसे में इस बिल को जल्द से जल्द मंजूरी दी जानी चाहिए.

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