कोविड रिपोर्ट कार्ड के लिए एजेंसी हायर करेगी मोदी सरकार, ऑनलाइन डेटा होगा तैयार

प्रोजेक्ट का मकसद महामारी से निपटने के लिए भविष्य का संदर्भ तैयार रखना है. PMO के निर्देश में कहा गया है कि यह विचार केवल सफलताओं को सूचीबद्ध करने के लिए नहीं है, बल्कि खामियों को भी भविष्य के संदर्भ के लिए डाक्यूमेंट करने के लिए है.

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कोरोना का कहर जारी (फोटो-PTI) कोरोना का कहर जारी (फोटो-PTI)

अभि‍षेक भल्ला

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2020,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST

  • एनडीएमए ने सभी मंत्रालयों को लिखा पत्र
  • पीएमओ करेगा प्रोजेक्ट की निगरानी

केंद्र सरकार ने Covid-19 महामारी से निपटने के लिए जो तरीके अपनाए, उनके असर और सीखे गए सबक के मूल्यांकन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. केंद्र ने एक एजेंसी को हायर करने का फैसला किया है जो कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई में मंत्रालयों की ओर से उठाए गए सभी कदमों को डॉक्यूमेंट करेगी.

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प्रस्तावित एजेंसी की ओर से Covid-19 की रोकथाम और प्रबंधन से संबंधित सभी डेटा और सामग्री को एक साथ रखा जाएगा. ऐसा करने से भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो इस रिकॉर्ड से बहुत मदद मिलेगी.

गृह मंत्रालय (MHA) के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने सभी मंत्रालयों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत 'ज्ञान प्रबंधन एजेंसी' को नियुक्त करने के लिए एक आग्रह पत्र (RFP) जारी किया जाएगा. प्रोजेक्ट की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) करेगा. इस प्रोजेक्ट को अमल में लाने की जिम्मेदारी NDMA की होगी. NDMA ने PMO के निर्देशों के आधार पर कंसेप्ट तैयार किया है.

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प्रोजेक्ट के पीछे मकसद महामारी से निपटने के लिए भविष्य का संदर्भ तैयार रखना है. PMO के निर्देश में कहा गया है कि यह विचार केवल सफलताओं को सूचीबद्ध करने के लिए नहीं है, बल्कि खामियों को भी भविष्य के संदर्भ के लिए डाक्यूमेंट करने के लिए है. मंत्रालयों की ओर से रिस्पॉन्स में उठाए गए कदमों को जनवरी के आखिरी हफ्ते से समयबद्ध किया जाएगा. NDMA ने सभी मंत्रालयों और विभागों को इस संबंध में निर्देश भेजे हैं.

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एजेंसी एक ऑनलाइन डेटा भंडार डिजाइन करेगी, जहां Covid-19 के बारे में सभी प्रासंगिक सामग्री को सूचीबद्ध किया जाएगा. 18 मई, 2020 की चिट्ठी में कहा गया है, '' ज्ञान प्रबंधन एजेंसी के शुरू होने के बाद हम आपको इसके बारे में और आगे जानकारी देंगे.’’ डाक्यूमेंटेशन टेक्स्ट, आडियो-विजुअल फॉर्मेट में होगा.

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NDMA ने अपनी चिट्ठी में कहा, "क्योंकि यह डॉक्यूमेंटेशन बहुत बड़े पैमाने पर होगा, इसलिए इसे अत्याधुनिक तरीकों का उपयोग करके व्यवस्थित रूप से सूचीबद्ध करने की जरूरत होगी." संयुक्त सचिव (रोकथाम) रैंक के अधिकारी एनडीएमए में इस प्रक्रिया के लिए नोडल अधिकारी होंगे. डॉक्यूमेंटेशन के लिए एक फॉर्मेट भी मंत्रालयों को भेजा गया है.

नियंत्रण के लिए उठाए गए सभी कदमों का होगा रिकॉर्ड

इसमें मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में सभी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और स्वायत्त निकायों की ओर से उठाए गए रिस्पॉन्स कदमों की रिकॉर्डिंग होगी. डॉक्यूमेंटेशन में सरकारी आदेश, विश्लेषणात्मक दस्तावेज, एडवाइजरी, शोध पत्र, ऑडियो-विजुअल संचार सामग्री, स्टडी रिपोर्ट और बैठकों का मिनट वार ब्यौरा होगा. साथ ही सिविल सोसाइटी संगठनों और प्राइवेट सेक्टर की ओर से उठाए गए कदमों को भी शामिल का जाएगा.

चिट्ठी के मुताबिक गृह मंत्रालय 26 मई तक टेम्पलेट की जांच करने के बाद और अपने ऑब्सर्वेशन को NDMA को भेज सकता है. NDMA की ओर से फिर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और आगे कार्रवाई के लिए सभी मंत्रालयों को भेजा जाएगा.

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