पंजाब में मेगा अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन, 23 लाख पैरेंट्स ने लिया हिस्सा

पंजाब में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित चौथी मेगा अभिभावक–शिक्षक बैठक में 23.30 लाख से अधिक अभिभावकों की भागीदारी दर्ज की गई, जिसे राज्य की सबसे बड़ी शिक्षा पहल माना जा रहा है. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और ‘आप’ पंजाब इंचार्ज मनीष सिसोदिया ने अलग-अलग जिलों में पीटीएम में हिस्सा लिया, जबकि मंत्री, अधिकारी और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने 7500 से ज्यादा स्कूलों का दौरा किया.

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पंजाब सरकार की इस पहल के तहत 40 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था. (Photo: ITG) पंजाब सरकार की इस पहल के तहत 40 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 20 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

पंजाब में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित चौथी मेगा अभिभावक-शिक्षक बैठक को जबरदस्त समर्थन मिला है. इस राज्यव्यापी अभियान में 23.30 लाख से अधिक अभिभावकों ने हिस्सा लिया. राज्य-स्तरीय कार्यक्रम के तहत पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बालिकाएं), श्री आनंदपुर साहिब में मेगा पीटीएम में शिरकत की.

वहीं AAP पंजाब के इंचार्ज मनीष सिसोदिया ने होशियारपुर जिले के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल पददी सूरा सिंह में आयोजित पीटीएम में भाग लिया. इस दौरान विधायकों, स्कूल शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा, एससीईआरटी निदेशक किरण शर्मा, उपायुक्तों और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य भर के 7500 से अधिक स्कूलों का दौरा किया.

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'नई ऊंचाइयों को छू रहा स्कूल शिक्षा विभाग'

शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब का स्कूल शिक्षा विभाग लगातार नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि ‘मां-पिता की भागीदारी’ थीम के तहत इस पहल का उद्देश्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच मजबूत संवाद स्थापित करना है, ताकि बच्चों के समग्र विकास को बेहतर बनाया जा सके.

40 हजार से अधिक शिक्षकों को दी गई ट्रेनिंग

उन्होंने बताया कि 40 हजार से अधिक शिक्षकों को ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे अभिभावक कार्यशालाओं का प्रभावी संचालन कर सकें. इन कार्यशालाओं में एसएमसी सदस्य भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिससे अभिभावकों को बच्चों के शैक्षणिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास में अपनी जिम्मेदारी को समझने में मदद मिल रही है.

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पीटीएम से पहले हुईं 1.5 घंटे की वर्कशॉप्स

बैंस ने कहा कि प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक के छात्रों के अभिभावकों की भागीदारी इस कार्यक्रम में सुनिश्चित की गई है. 1 से 1.5 घंटे की कार्यशालाओं के बाद पीटीएम का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों को हैंडआउट्स के जरिए जरूरी जानकारी भी दी गई.

उन्होंने कहा कि इस पहल से घर और स्कूल के बीच तालमेल मजबूत होगा, जिससे बच्चों की पढ़ाई, उपस्थिति और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद है. यह पहल पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक नई और प्रभावी शुरुआत के रूप में देखी जा रही है.

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