लीज पर होटल, लड़के-लड़कियां और अमेरिका-कनाडा तक कनेक्शन... फर्जीवाड़े की आखिर क्या है कहानी?

पंजाब में कपूरथला के एक होटल में कुछ ऐसा चल रहा था, जिसने पुलिस अफसरों को भी हैरान कर दिया. दरअसल, होटल को लीज पर लेकर यहां फर्जी कॉल सेंटर खोल दिया गया, जहां से अमेरिका और कनाडा के लोगों को सॉफ्टवेयर समाधान के नाम पर ठगा जा रहा था. मौके से 39 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें कई लड़के, लड़कियां शामिल हैं, जिन्हें काम पर रखा गया था.

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होटल में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर. (Photo: Screengrab) होटल में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर. (Photo: Screengrab)

कमलजीत संधू

  • कपूरथला,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

कपूरथला के फगवाड़ा इलाके में एक होटल के बाहर अचानक भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती देख स्थानीय लोग हैरान रह गए. किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर माजरा क्या है. कुछ ही देर में जब पुलिस अंदर दाखिल हुई तो कहानी का पर्दाफाश होने लगा. दरअसल, इस होटल में किराए की जगह में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. यहां बैठने वाले युवक-युवतियां विदेशी ग्राहकों को सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन देने के नाम पर ठग रहे थे.

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पुलिस का यह एक्शन डीएसपी भारत भूषण और साइबर सेल कपूरथला की इंस्पेक्टर अमनदीप कौर की मौजूदगी में हुआ. फगवाड़ा सिटी पुलिस और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी. इस दौरान होटल से 39 लोगों को पकड़ा गया. पुलिस ने मौके से 40 लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन और करीब 10 लाख रुपये कैश बरामद किए. यह सब देखकर पुलिस भी हैरान थी कि आखिर एक होटल में यह पूरा नेटवर्क इतनी चालाकी से कैसे खड़ा कर दिया गया.

पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अमरिंदर सिंह उर्फ साबी टोहरी है, जो मोहल्ला गुजराती का रहने वाला है. उसने होटल को लीज पर लेकर उसे कॉल सेंटर का रूप दे दिया. इस काम की जिम्मेदारी जसप्रीत सिंह और साजन मदान नाम के दो युवकों को सौंपी गई थी. दोनों का सीधा संपर्क दिल्ली के सूरज नाम के व्यक्ति से था, जो आगे कोलकाता के शेन से जुड़ा हुआ है. यानी यह नेटवर्क महज एक जिले तक सीमित नहीं था, बल्कि दिल्ली से लेकर कोलकाता तक इसकी जड़ें फैली हुई थीं.

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यह भी पढ़ें: दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर गैंग का भंडाफोड़, APK फाइल भेजकर करते थे ठगी, मास्टमाइंड समेत 6 गिरफ्तार

पुलिस की शुरुआती जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह गैंग अमेरिका और कनाडा के लोगों को टारगेट करता था. उन्हें कॉल करके सॉफ्टवेयर से जुड़ी समस्याओं के समाधान का लालच दिया जाता, फिर उनसे भारी-भरकम रकम वसूली जाती. लेन-देन के लिए बिटकॉइन और हवाला चैनल का इस्तेमाल किया जाता, जिससे ट्रांजेक्शन का ट्रैक पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता था.

पुलिस ने इस मामले में साइबर क्राइम थाना कपूरथला में केस दर्ज किया है. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई फिलहाल शुरुआत मानी जा रही है. पुलिस का कहना है कि अभी और जांच बाकी है, क्योंकि इसमें बड़ा नेटवर्क जुड़ा हो सकता है. जिस तरह से होटल की आड़ में कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और ठगी को अंजाम दिया जा रहा था, उससे साफ है कि यह केवल लोकल गिरोह का काम नहीं है. यह संगठित अपराध है, जिसकी डोर देश के अलग-अलग शहरों और शायद विदेशों तक जुड़ी हो सकती है.

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