'सस्ती लोकप्रियता के लिए...', असम विधानसभा में 2 घंटे का ब्रेक खत्म करने पर तेजस्वी का CM हिमंता

विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि यह नियम अगले सत्र से लागू किया जाएगा. असम सीएम ने इसको लेकर एक्स पर भी पोस्ट किया और बताया कि यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी. असम सरकार के इस फैसले को लेकर अब विपक्षी दल निशाना साधने लगे हैं.

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तेजस्वी यादव ने असम सीएम हिमंता पर निशाना साधा तेजस्वी यादव ने असम सीएम हिमंता पर निशाना साधा

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 30 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने में सुविधा देने के लिए शुक्रवार को दिए जाने वाले दो घंटे के ब्रेक को खत्म कर दिया जाएगा. विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि यह नियम अगले सत्र से लागू किया जाएगा. असम सीएम ने इसको लेकर एक्स पर भी पोस्ट किया और बताया कि यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी. असम सरकार के इस फैसले को लेकर अब विपक्षी दल निशाना साधने लगे हैं.

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने निशाना साधते हुए कहा, "असम के सीएम सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा कर रहे हैं. वह कौन हैं? उन्हें बस सस्ती लोकप्रियता चाहिए. बीजेपी ने मुसलमानों को आसान निशाना बनाया है. वे किसी न किसी तरह मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं और समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं. बीजेपी को समझना चाहिए कि मुसलमानों ने भी आजादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान की थी."

यह भी पढ़ें: पहले संसद में भी मिलता था नमाज के लिए 'जुम्मा ब्रेक', फिर ऐसे हुआ था खत्म!

बता दें कि सरकार के फैसले को लेकर X पर एक पोस्ट में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था, "2 घंटे के जुमा ब्रेक को खत्म करके असम विधानसभा ने उत्पादकता को प्राथमिकता दी है और औपनिवेशिक बोझ के एक और निशान को खत्म किया है. यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी. इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए माननीय अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी और हमारे विधायकों का आभार."

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पीटीआई को मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि आखिरी बार दो घंटे का ब्रेक शुक्रवार को दिया गया था, जो विधानसभा के शरदकालीन सत्र का अंतिम दिन था. सदन में प्रसारित एक आधिकारिक बयान, जिसकी एक प्रति पत्रकारों को उपलब्ध कराई गई, में कहा गया कि विधानसभा की नियम समिति ने सर्वसम्मति से इस प्रथा को खत्म करने पर सहमति जताई है. तदनुसार, आज सदन ने इस नियम में संशोधन करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, ताकि अन्य दिनों की तरह शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही संचालित करने की व्यवस्था की जा सके."

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