दिल्ली में स्कूल फीस बिल पर गरमाई सियासत! आतिशी ने जताई आपत्ति, BJP पर लगाया प्राइवेट स्कूलों के समर्थन का आरोप

आतिशी ने सदन में भाजपा विधायक राजकुमार भाटिया के उस बयान का हवाला देते हुए कहा, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि इस बिल की मंशा ही है कि प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ा सकें. आतिशी ने दावा किया कि बिल में माता-पिता की शिकायतों को दर्ज करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है और इससे निजी स्कूलों को मनमानी करने की छूट मिल जाएगी.

Advertisement
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाए (File Photo: X/@AAP) आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाए (File Photo: X/@AAP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए स्कूल फीस रेगुलेशन बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला. ‘आप’ की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया कि यह बिल निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने और फीस वृद्धि को वैध ठहराने के इरादे से लाया गया है.

आतिशी ने सदन में भाजपा विधायक राजकुमार भाटिया के उस बयान का हवाला देते हुए कहा, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि इस बिल की मंशा ही है कि प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ा सकें. आतिशी ने दावा किया कि बिल में माता-पिता की शिकायतों को दर्ज करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है और इससे निजी स्कूलों को मनमानी करने की छूट मिल जाएगी.

Advertisement

आतिशी ने इसी बयान की क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा कि भाजपा का असली चेहरा उजागर हो गया है.

उन्होंने कहा, "इस बिल में स्कूलों की फीस रेगुलेट करने वाली कमेटी की अध्यक्षता स्कूल की मैनेजमेंट करेगी, और अभिभावकों की भूमिका केवल नाम मात्र की होगी. यदि कोई विरोध करना हो, तो 15 प्रतिशत अभिभावकों का समर्थन जरूरी होगा."

उन्होंने कहा कि इस बिल में ऐसे प्रावधान शामिल किए गए हैं जिससे सिर्फ स्कूल प्रबंधन को फायदा होगा. फीस रेगुलेशन कमेटी की अध्यक्षता भी स्कूल मैनेजमेंट ही करेगी, जबकि माता-पिता के प्रतिनिधि केवल पांच होंगे, वो भी चुनाव से नहीं, बल्कि पर्ची से तय होंगे.

आतिशी ने बताया कि यदि कोई अभिभावक फीस बढ़ोतरी के निर्णय से असहमत होता है, तो उसे विरोध दर्ज कराने के लिए कम से कम 15 प्रतिशत अभिभावकों को एकजुट करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि स्कूल में 3000 छात्र हैं, तो 450 पैरेंट्स को एक साथ शिकायत दर्ज करनी होगी.

Advertisement

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पूरे बिल में ऑडिट शब्द का कोई ज़िक्र नहीं है, यानी स्कूलों के खातों की जांच का कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया. साथ ही, फीस बढ़ाने का निर्णय एक बार हो जाने पर उसे कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती.

'भाजपा सदन का समय बर्बाद कर रही है'

नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर सदन की कार्यवाही को दिशा से भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा को चलाने में एक घंटे में लाखों रुपए लगते हैं. यह सारा पैसा दिल्ली की जनता का है. दिल्ली के लोग अपनी मेहनत से जो कमाई करती है, उसमें सरकार को टैक्स के तौर पर पैसा देती है. भाजपा सरकार सदन में झुग्गी पर चर्चा नहीं करेगी, स्कूलों पर चर्चा नहीं करेगी. अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं, दिल्ली की कानून व्यवस्था खराब हो रही है, उस पर चर्चा नहीं करेगी. क्या सदन में फांसी घर पर चर्चा करनी है. यह सिर्फ सदन का समय बर्बाद किया जा रहा है.

इससे पहले, आतिशी ने कहा कि जो एजुकेशन बिल दिल्ली विधानसभा के पटल में रखा गया है, वह बिल्कुल फर्जीवाड़ा है. यह बिल सिर्फ प्राइवेट स्कूलों के बढ़ी हुई फीस पर ठप्पा लगाने के लिए बनाया गया है. आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने इस बिल में कई संशोधन के सुझाव सबमिट किए हैं. आम आदमी पार्टी उम्मीद करती है कि विधायक दल द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर विधानसभा के अंदर चर्चा भी होगी और अभिभावको के हित में जो संशोधन लाए गए हैं, उनका भाजपा समर्थन करेगी.

Advertisement

भाजपा ने शिक्षा को काला धंधा बना दिया: मनीष सिसोदिया

पूर्व उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा. उन्होंने एक्स पर राजकुमार भाटिया के बयान की वीडियो साझा करते हुए लिखा, "भाजपा ने शिक्षा को काला धंधा बना दिया है. अब स्कूलों के नाम पर मिडल क्लास की जेबें काटी जाएंगी और नेता व शिक्षा माफिया मालामाल होंगे."

उन्होंने कहा कि भाजपा और प्राइवेट स्कूल मालिकों के गठबंधन की सच्चाई अब उजागर हो गई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement