कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर 35 मिनट तक बात हुई. इस दौरान दोनों के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर को लेकर जारी रस्साकशी के बीच यह दोनों नेताओं की पहली सीधी बातचीत थी. लेकिन अब देश में इसको लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.
दरअसल, राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत को विदेश नीति और कूटनीति के मोर्चे पर 'तीनहरा झटका' (Triple Jhatka) लगा है. उन्होंने इसके तहत पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ट्रंप के साथ 'क्लोज डोर' लंच मीटिंग को भी गिनाया.
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने और ट्रंप से हुई बातचीत का ब्योरा सामने रखने की मांग की. उन्होंने कहा, "37 दिन तक प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा और अब हमें बताया जा रहा है कि उन्होंने ट्रंप से 35 मिनट की बातचीत की. पीएमओ की ओर से एक बयान आया है, जबकि व्हाइट हाउस से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. दोनों देशों के बयान अलग-अलग हैं, क्योंकि वे अलग-अलग दर्शकों के लिए बनाए जाते हैं."
उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री सभी दलों की बैठक क्यों नहीं बुलाते और संसद में वही बात क्यों नहीं कहते जो विदेश सचिव ने बयान में दी है.
व्हाइट हाउस की चुप्पी और कांग्रेस के सवाल
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप के साथ बातचीत के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने उस बातचीत का विवरण जारी किया, जिसमें बताया गया कि 10 मई को पाकिस्तान के साथ जो संघर्षविराम हुआ, वह सीधे भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से हुआ, और इसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी.
हालांकि अमेरिकी प्रशासन की ओर से इस बातचीत को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस दावत पर बवाल
जयराम रमेश ने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के भड़काऊ बयानों के बारे में क्यों नहीं बताया, जबकि वही बयान पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (जिसमें 26 लोगों की मौत हुई) को 'ऑक्सीजन' देने वाले साबित हुए.
उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि अमेरिका ने आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में वन-ऑन-वन लंच के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, "क्या इसी वजह से राष्ट्रपति ट्रंप ने G7 समिट एक दिन पहले छोड़ दी और नरेंद्र मोदी को गले लगाने का मौका नहीं दिया?"
रमेश ने अमेरिकी जनरल माइकल कुरिल्ला के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिन्होंने पाकिस्तान को फिनोमेनल पार्टनर (अद्भुत सहयोगी) बताया था, जबकि भारत उसे "आतंकवाद का सबसे बड़ा संरक्षक" मानता है.
बीजेपी का तीखा पलटवार
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने जयराम रमेश के दावे को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि वह जिस अमेरिकी बयान का हवाला दे रहे हैं, वह जनवरी 2025 का है, न कि हाल की फोन कॉल का. उन्होंने कहा, "वर्तमान कॉल पर व्हाइट हाउस की तरफ से अभी तक कोई बयान आया ही नहीं है. लेकिन कांग्रेस और उसकी ट्रोल आर्मी इस सच्चाई को हज़म नहीं कर पा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है."
'कांग्रेस मेटावर्स में जी रही है'
पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, "कांग्रेस एक काल्पनिक दुनिया में जी रही है जहां राहुल गांधी बहुत लोकप्रिय नेता हैं और भारत फेल हो रहा है. कांग्रेस का ये नैरेटिव सिर्फ उनकी ख्वाहिश है, हकीकत नहीं."
कांग्रेस बनी है झूठ की फैक्ट्री: बीजेपी प्रवक्ता
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर 'फेक न्यूज़' फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस आज भारत विरोध में इतनी गिर चुकी है कि वह सिर्फ बीजेपी विरोध करते-करते देश का अपमान करने लगी है. सेना का अपमान और पाकिस्तान का गुणगान अब कांग्रेस की पहचान बन गया है."
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