मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली है. मोहन यादव के शपथ ग्रहण के साथ ही ये बहस तेज हो गई है कि इसका हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार की यादव पॉलिटिक्स पर क्या असर होगा? उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सियासत का आधार ही यादव वोट बैंक है. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाए जाने को लेकर यादवों के प्रभुत्व वाली इन दोनों पार्टियों का रिएक्शन क्या है?
सपा ने बताया एंटी मंडल ताकतों का मास्क
सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक दिन पहले एजेंडा आजतक 2023 के मंच पर थे. अखिलेश यादव से मोहन यादव को सीएम बनाए जाने को लेकर भी सवाल हुआ. अखिलेश यादव ने मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि आपको एक बड़ी पार्टी ने बड़े पद पर बैठाया है. पिछड़ा, दलित और आदिवासी सबसे अधिक मध्य प्रदेश में हैं. मुझे उम्मीद है कि इस कुर्सी पर बैठकर आप इन वर्गों का खयाल रखेंगे. मुझे उम्मीद है कि पहली ही कैबिनेट का फैसला पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण देने का होगा.
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वहीं, सपा प्रवक्ता सुनील सिंह यादव साजन ने मोहन यादव की सीएम पद पर ताजपोशी को एंटी मंडल ताकतों के लिए मास्क बताया है. सपा प्रवक्ता ने कहा कि किसको सीएम बनाना है, नहीं बनाना है, ये बीजेपी का आंतरिक मसला है. क्या मोहन यादव मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने का ऐलान कर पाएंगे? उन्होंने ये भी दावा किया कि मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाए जाने का यूपी की सियासत पर कोई असर नहीं होगा.
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तेज प्रताप ने बताया यदुवंश का सम्मान
मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाए जाने पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव की भी प्रतिक्रिया आई है. तेज प्रताप ने कहा है कि यादव भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं. अब यादवों को मान-सम्मान मिल रहा है तो अच्छी बात है. तेज प्रताप से पहले आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा था कि मोहन यादव को सीएम बनाए जाने का बिहार में कोई असर नहीं होगा. यहां लालू यादव के सामने कोई टिकने वाला नहीं है.
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