पश्चिम बंगाल की राजनीति में इस समय जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है. एक तरफ सीएम ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के बीच अनबन की खबरों ने चर्चा के माहौल को गर्म रखा है तो वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल जगदीप धनखड़ संग राज्य सरकार की तकरार लगातार जारी है. अब बंगाल में राज्यपाल द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा को स्थगित किए जाने के आदेश पर विवाद शुरू हो गया है.
टीएमसी के कुछ नेताओं ने राज्यपाल के इस कदम को संविधान विरोधी बताया है. तृणमूल सरकार में मंत्री हाथ हकीम ने तो राज्यपाल को बर्खास्त करने की मांग कर दी है. हालांकि राज्यपाल ने दोबारा ट्वीट करके साफ किया है कि राज्य सरकार के कहने पर ही उन्होंने संविधान की धारा 174 के तहत विधान सभा को स्थगित किया है.
दर्शन विवाद की शुरुआत तब हुई जब आज दोपहर राज्यपाल ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने संविधान की धारा 174 के तहत आज से विधानसभा अधिवेशन को स्थगित कर दिया है. इसी के बाद कुछ टीएमसी नेताओं के बयान आने शुरू हुए कि राज्यपाल द्वारा यह कदम संविधान विरोधी है.
इसी के बाद राज्यपाल ने दूसरा ट्वीट करके साफ किया कि उन्होंने राज्य सरकार के कहने पर ही यह कदम उठाया है. वहीं बीजेपी नेता शमिक भट्टाचार्य ने राज्यपाल के कदम का समर्थन किया है. इसके बाद टीएमसी के कुछ नेताओं ने साफ किया कि राज्य सरकार के कहने पर ही यह कदम उठाया गया है.
अब अभी के लिए इस मुद्दे पर राज्य सरकार जरूर डिफेंसिंव मोड में आ गई है लेकिन प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी I-PAC संग चल रहा विवाद अभी भी बवाल का कारण बना हुआ है. सीएम ममता बनर्जी ने जो आपात बैठक बुलाई है, उसमें अभिषेक बनर्जी पहुंच चुके हैं. कुछ देर में कई मुद्दों पर मंथन होने वाला है. पार्टी के अंदर जारी अनबन को भी कम करने का प्रयास रहने वाला है.
अनुपम मिश्रा