केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण यानी जी राम जी करने से संबंधित बिल लोकसभा में पारित हो गया है. विपक्षी दलों के भारी विरोध और हंगामे के बीच ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल पर देर रात तक चली चर्चा का गुरुवार को जवाब दिया और इसके बाद यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया.
मनरेगा योजना का नाम बदले जाने के खिलाफ विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के साथ ही संसद के बाहर भी जोरदार हंगामा किया. गुरुवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में इसे लेकर प्रोटेस्ट भी किया. विपक्ष के इस प्रोटेस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी के साथ ही कांग्रेस और अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा का नाम बदले जाने पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह विषय मनरेगा में बदलाव करने या उसका नाम बदलने का नहीं है, हमने काम करने का जो अधिकार दिया था, आज उसे छीना जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये बहुत बड़ा मुद्दा है और गरीब वर्ग के लिए, खासकर जो पिछड़े-दलित वर्ग के लोग काम करते थे, उनके लिए मुश्किलें पैदा करने वाला है.
खड़गे ने कहा कि इसके खिलाफ हम लड़ेंगे, सड़क पर उतरेंगे और सभी जिलों और राज्यों में आंदोलन होगा. यह नाम का नहीं, अधिकारों का प्रश्न है. चडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नाम बदले जाने को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बताया और कहा कि बापू और भगवान राम के बीच फर्क करने का बेवजह प्रयास किया जा रहा है. महात्मा गांधी के आखिरी शब्द 'हे राम' थे. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर चल रही इतनी बढ़िया योजना को खत्म करने पर आप क्यों तुले हुए हैं, जो करोड़ों पिछड़े, दबे, कुचले वर्ग के लोगों को एक सुरक्षा जाल देने का काम करती है?
मनीष तिवारी ने कहा कि नए विधेयक में 125 दिन की गारंटी की बात तो कही गई है, लेकिन इसमें कोई गारंटी नहीं बची है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी मनरेगा का नाम बदले जाने को महात्मा गांधी का अपमान बताया और कहा कि यह हीन भावना के साथ लिया गया निर्णय है.
अयोध्या से सपा के सांसद अवधेश प्रसाद ने 'वीबी-जी राम जी' बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध पर कहा कि विरोध राम का नहीं है, लेकिन मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्र का अपमान है. हमारे लिए राम सबसे ऊपर हैं, लेकिन बीजेपी के लोग राम के नाम पर व्यापार करते हैं, राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में बीजेपी के लोग कह रहे थे कि वे राम को लाए हैं, तो राम उन्हें लाएंगे. लेकिन राम तो अवधेश प्रसाद को लाए.
रामनाथ ठाकुर ने किया बचाव
केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हम जनता के लिए काम कर रहे हैं. सौ के बदले 125 दिन रोजगार देना, मजदूरों का खयाल रखना, ग्रामीणों का खयाल रखना, ये मनरेगा का काम है. उन्होंने विपक्ष के विरोध पर तंज करते हुए कहा कि विरोधी पक्ष का काम है बस विरोध करना.
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गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के सांसद नरहरि अमीन ने कांग्रेस के विरोध पर कहा कि विरोधी दल के लोग केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होने कहा कि कांग्रेस के लोगों को खुद इस बारे में सोचना चाहिए कि देश को आजादी दिलाने में गुजरात के दो सपूत- महात्मा गांधी और सरदार पटेल का योगदान था.
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नरहरि अमीन ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार रही, तब उन्हें महात्मा गांधी या सरदार पटेल कभी याद नहीं आए. हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत ने कहा कि पहले भी कई योजनाओं के नाम बदले गए हैं. खुद कांग्रेस ने भी अपनी ही योजनाओं के नाम बदले हैं. उन्होंने कहा कि संसद को बाधित किया जा रहा है.
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फिल्म अभिनेत्री से सांसद बनीं कंगना रनौत ने कहा कि समय बदलने के साथ योजनाओं में सुधार लाए जाते हैं और उनमें नवीनता लाने के प्रयास में सरकारें इस तरह के काम करती हैं. बीजेपी सांसद दामोदर अग्रवाल ने नाम परिवर्तन को नियमित प्रक्रिया बताते हुए कहा कि हम सभी लोग पूज्य बापू के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखते हैं.
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