सुप्रीम कोर्ट में पोर्नोग्राफी देखने पर रोक लगाने के लिए नेशनल पॉलिसी बनाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर आज सुनवाई हुई. हियरिंग के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी की है. सीजेआई बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने नेपाल में इस तरह के बैन के परिणामों का जिक्र किया.
सीजेआई बीआर गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा, "नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के बाद क्या हुआ, देखिए."
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया है और इसे चार हफ्ते के बाद लिस्ट करने का निर्देश दिया है.
याचिका में क्या मांग की गई?
जनहित याचिका (PIL) में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि सरकार पोर्नोग्राफी देखने पर रोक लगाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति और एक मसौदा कार्य योजना तैयार करे, खासकर नाबालिगों के मामले में. याचिका में सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी रूप में पोर्नोग्राफिक कंटेंट देखने पर भी रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है.
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कानूनी ताकत होने के बावजूद...
PIL में कहा गया है कि सरकार के पास किसी भी कंप्यूटर संसाधन के जरिए किसी भी जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को रोकने का निर्देश जारी करने की ताकत है. अधिनियम के तहत शक्तियां होने के बावजूद, पोर्नोग्राफी देखने के मुद्दे को प्रभावी ढंग से संबोधित नहीं किया गया है.
सृष्टि ओझा