'लोकतंत्र को संदेहों की वजह से खतरे में नहीं डाला जा सकता...', प्रोटेस्ट में शामिल शशि थरूर बोले

शशि थरूर ने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर संदेह रहेगा, तब तक यह चुनाव आयोग की साख को नुकसान पहुंचाता रहेगा. जैसे ही इन संदेहों को दूर कर दिया जाएगा, आयोग की साख और उसकी विश्वसनीयता वापस आ जाएगी. चुनाव आयोग का अपना हित इन्हीं सवालों का समाधान करने में है.

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कांग्रेसी सांसद शशि थरूर. (Photo: ITG) कांग्रेसी सांसद शशि थरूर. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी दल आज मार्च कर रहे हैं. ये मार्च संसद भवन के मकर द्वार से लेकर चुनाव आयोग तक निकाला जा रहा है. इस मार्च में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए.

शशि थरूर ने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर संदेह रहेगा, तब तक यह चुनाव आयोग की साख को नुकसान पहुंचाता रहेगा. जैसे ही इन संदेहों को दूर कर दिया जाएगा, आयोग की साख और उसकी विश्वसनीयता वापस आ जाएगी. चुनाव आयोग का अपना हित इन्हीं सवालों का समाधान करने में है.

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उन्होंने कहा कि मेरे लिए मुद्दा काफी सरल है. राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं तो उनके गंभीर जवाब देने जरूरी है. चुनाव आयोग की ना सिर्फ देश के प्रति जिम्मेदारी है बल्कि यह आयोग की भी खुद की जवाबदेही है कि चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर लोगों के दिमाग में किसी तरह का संदेह नहीं रहना चाहिए. देश पूरे देश के लिए मायने रखते हैं.

थरूर ने कहा कि हमारा लोकतंत्र इतना बेशकीमती है कि इसे इन संदेहों के कारण खतरे में नहीं डाला जा सकता कि कहीं दोबारा मतदान तो नहीं हुआ, कहीं एक से अधिक पते तो नहीं हैं या कहीं फर्जी वोट तो नहीं पड़े. अगर लोगों के मन में संदेह हैं, तो उनका समाधान किया जाना चाहिए. इन सवालों के जवाब हो सकते हैं, लेकिन वे जवाब विश्वसनीय तरीके से दिए जाने चाहिए. चुनाव आयोग से मेरी यही एकमात्र अपील है कि आयोग इन सवालों को सुने और उनका समाधान करे.
 

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